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Home मध्य प्रदेश घड़ियालों का संसार’ था पंजाब, गलत रिपोर्ट से हुई तबाही,

घड़ियालों का संसार’ था पंजाब, गलत रिपोर्ट से हुई तबाही,

भिंड(ईन्यूज एमपी)-- चंबल के घड़ियाल अब पंजाब की नदियों की शान बढ़ा रहे हैं। केंद्र और पंजाब सरकार के सामूहिक प्रयास से अब व्यास, चक्की और सतलुज नदी के 235 किमी दायरे में चंबल से लाए गए 94 घड़ियाल बड़े हो चुके हैं। अब इनका कुनबा बढ़ाए जाने को लेकर चंबल घड़ियाल सेंक्चुरी के देवरी घड़ियाल सेंटर की तर्ज पर हेचिंग सेंटर शुरू किए जाएंगे।
गौरतलब है कि इन नदियों के किनारे बसे 75 गांवों के लोगों को जागरूक किया गया है कि घड़ियाल किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इनमें 1200 लोग घड़ियाल मित्र के रूप में विभाग के साथ काम भी कर रहे हैं। स्वच्छ नदियों में रहना और नदियों को स्वच्छ रखना ही घड़ियालों की विशेषता है। यही कारण है कि घड़ियाल जैसे जलीय जीव की मांग देश के कई राज्यों से आती है। प्रदेश-देश की कई नदियों की शान चंबल के घड़ियाल पहले से बढ़ा रहे हैं।घड़ियाल नदियों का ईको सिस्टम मजबूत करते हैं। मांसाहरी मछलियां शाकाहारी मछलियों को खा लेती हैं, लेकिन मांसाहरी मछलियों का पानी में संतुलन बनाने का सबसे बेहतर कार्य घड़ियाल ही करते हैं। क्योंकि यह सिर्फ मछलियां ही खाते हैं। वहीं अब घड़ियालों की निगरानी को लेकर पंजाब फारेस्ट डिपार्टमेंट के द्वारा घड़ियालों पर सैटेलाइट रिकार्डर लगाए जाने की तैयारी की जा रही है। नदियों के किनारे हेचिंग एरिया को विकसित किए जाने की तैयार भी की जा रही है।पंजाब में घड़ियालों का किया जाने लगा था शिकार

1960-70 के बाद से पंजाब की नदियों से घड़ियाल गायब हो गए। वर्ल्ड वाइड फंड की सीनियर कार्डिनेटर गीतांजली कनवर ने बताया कि 2017 से हम मप्र की चंबल नदी से घड़ियाल लेकर आ रहे हैं। हमने अमृतसर व होशियारपुर के बीच का हिस्सा चुना, क्योंकि यह अनडिस्टर्व एरिया है और घड़ियाल के बचाव के लिए बफर जोन भी अच्छा है।1960-70 के बाद से पंजाब की नदियों से घड़ियाल गायब हो गए। वर्ल्ड वाइड फंड की सीनियर कार्डिनेटर गीतांजली कनवर ने बताया कि 2017 से हम मप्र की चंबल नदी से घड़ियाल लेकर आ रहे हैं। हमने अमृतसर व होशियारपुर के बीच का हिस्सा चुना, क्योंकि यह अनडिस्टर्व एरिया है और घड़ियाल के बचाव के लिए बफर जोन भी अच्छा है।

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