उज्जैन(ईन्यूज एमपी)-- ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से सावन मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली जाएगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। शाम 4 बजे शाही ठाठ-बाट के साथ महाकालेश्वर मंदिर से सवारी की शुरुआत होगी।परंपरा अनुसार दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह व एसपी प्रदीप शर्मा भगवान महाकाल के मनमहेश रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी राजाधिराज को सलामी देगी। इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा।परंपरागत मार्गों से होकर सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी निर्धारित मार्गों से होकर शाम 7.15 बजे महाकाल मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद संध्या आरती होगी। सवारी में पहली बार दो एलईडी रथ शामिल किए जा रहे हैं। ड्रोन कैमरे से होगी निगरानी सुरक्षा के लिए 5 ड्रोन कैमरे से सवारी की निगरानी होगी। 2000 से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे। इधर, ओंकारेश्वर में सावन के पहले सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान कोटितीर्थ घाट पर पूजन-अभिषेक होगा। तत्पश्चात भगवाान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर को नौका विहार करवाया जाएगा।