भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश की मोहन सरकार का बड़ा फैसला सामने आया है. मोहन सरकार के अनुसार मध्य प्रदेश का धार्मिक मुख्यालय अब उज्जैन होगा. आने वाले समय में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय भोपाल से उज्जैन शिफ्ट किया जाएगा. सीएम मोहन यादव ने आज मंगलवार को ये फैसला लिया है. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालक भी उज्जैन स्थानांतरित किया गया है. वर्तमान में धार्मिक न्यास विभाग संचालनालय सतपुड़ा भवन से संचालित हो रहा था. मुख्यालय के संचालक सहित पूरा स्टाफ़ उज्जैन में बैठेगा. धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने अधिसूचना जारी की है. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार का धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग प्रदेश में बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराने के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मेले का आयोजन करता है. मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट के जरिए लिखा- "अब भोपाल से संचालित नहीं होगा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय भोपाल से उज्जैन शिफ़्ट होगा. यही से प्रदेश की धार्मिक आयोजन निर्धारित किए जाएंगे, पूर्व मे सिंहस्थ का घोटाला हो चुका, दुबारा ना हो जाये! मोहन यादव योजनाओं का फायदा सिर्फ अपने क्षेत्रों को देना चाहते हैं. तीर्थ दर्शन योजना का संचालन भी अब उज्जैन से इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का संचालन भी किया जा रहा है. जिसके चलते मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के संचालक को भी उज्जैन स्थानांतरित करने का फैसला किया है. यानि अब इस योजना का संचालन भी उज्जैन से होगा. टास्क फोर्स का गठन मध्य प्रदेश की मोहन सरकार अभी से सिंहस्थ 2028 की तैयारी में लग गई है. पिछले दिनों प्रस्तुत बजट में उज्जैन सिंहस्थ के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. उज्जैन में बढ़ती भक्तों की भीड़ को देखते हुए 12 विभागों की टास्क फोर्स का गठन किया गया है. सिंहस्थ में भूमिका निभाने वाले सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के साथ उज्जैन कमिश्नर, महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को शामिल किया है.