भोपाल(ईन्यूज एमपी)- प्रदेश के विभिन्न विभागों में काम कर रहे संविदा कर्मियों के लिए एक बड़ी खबर है। एमपी की मोहन सरकार ने एक नियम लाया है जिससे उन्हे राहत मिलेगी। अब कोई भी विभाग अपनी मनमर्जी से उन्हे नहीं निकाल सकेगा। इस नियम में उन्हे और भी कई लाभ दिए जाएंगे। इन नियमों को ऊर्जा विभाग ने मानना भी शुरु कर दिया है। दरअसल, मध्य प्रदेश ऊर्जा विभाग ने अपने हजारों संविदा कर्मचारियों के लिए नई संविदा नीति लागू कर दी है। इस नई नीति के तहत उन्हे कई फायदे मिलने वाले हैं। अब इन संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिल सकेंगी। यही नहीं संविदा कर्मचारियों का मूल्यांकन हर साल उनके रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा किया जाएगा। और उनकी सेवाएं इस मूल्यांकन पर निर्भर करेंगी। संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत अनुबंध की अवधि 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है। इसे केवल एक बार नवीनीकृत किया जा सकता है। नई नीति के तहत यदि किसी कर्मचारी का प्रदर्शन असंतोषजनक है, तो उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है। ऊर्जा विभाग मध्य प्रदेश का पहला विभाग है जिसने नई संविदा नीति लागू की है। नई संविदा नीति मंत्रीमंडल द्वारा 22 जुलाई 2023 को लाई गई थी। एमपी के सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे लेकर नीति जारी की। जिसे सभी विभागों में लागू किया जाना था। इसे लेकर जानकारों का कहना है कि यह नई संविदा नीति मध्य प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है। यह उन्हें अधिक सुरक्षा और बेहतर कामकाजी परिस्थितियां प्रदान करेगा। मिलेंगी ये जरूरी सुविधाएं संविदा कर्मचारियों को अब चिकित्सा अवकाश, अवकाश, और अन्य लाभों के लिए पात्र होंगे जो नियमित कर्मचारियों को मिलते हैं। संविदा कर्मचारियों को केवल तभी बर्खास्त किया जा सकता है जब उनका प्रदर्शन असंतोषजनक हो या वे अनुशासनात्मक कार्रवाई के अधीन हों। संविदा कर्मचारियों का मूल्यांकन हर साल उनके रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा किया जाएगा। यह मूल्यांकन उनकी सेवा अवधि और पदोन्नति के अवसरों को निर्धारित करेगा। संविदा कर्मचारियों का अनुबंध 5 वर्ष तक के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।