enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश नगरीय प्रशासन विभाग से फिर सामने आया घोटाला, बगैर वर्क आर्डर के बन रही सड़क...

नगरीय प्रशासन विभाग से फिर सामने आया घोटाला, बगैर वर्क आर्डर के बन रही सड़क...

मध्यप्रदेश(ईन्यूज एमपी)- फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये के भुगतान का मामला सामने आने के बाद अब नगर निगम के अन्य विभागों में भी फर्जीवाड़ा सामने आने लगा है। ताजा मामला जनकार्य विभाग का है। वार्ड 79 के कुंदन नगर में ठेकेदार बगैर वर्क आर्डर के ही सड़क बनाता मिला। सड़क की फाइल 47 लाख रुपये की है। यह ठेका मे. सरकार इंफ्रा को मिला है।

एमआईसी सदस्य राजेंद्र राठौर ने बताया कि शिकायत मिली थी कि कुंदन नगर में सड़क बनाने के काम का बिल प्रस्तुत हो गया जबकि सड़क बनी ही नहीं। गुरुवार को मामले की जांच के लिए टीम मौके पर गई। वहां पता चला कि यहां सड़क निर्माण के लिए दो फाइलें स्वीकृत की गई थीं। इनमें से एक 1.47 करोड़ और दूसरी 1.68 करोड़ की है। दोनों ही के बिल प्रस्तुत किए जा चुके हैं, जबकि काम किया जा रहा है। इसके अलावा इसी ठेकेदार की एक अन्य फाइल जो कि 47 लाख रुपये की है वह भी स्वीकृत हो चुकी है, जबकि इसका वर्कआर्डर जारी नहीं हुआ।

फर्जी बिल कांड को लेकर राठौर ने कहा कि इस मामले की बारीकी से जांच होनी चाहिए। नगर निगम का निलंबित इंजीनियर अभय राठौर सिर्फ एक मोहरा है। फर्जीवाड़े के मुख्य किरदार अब भी पकड़ से बाहर हैं। राठौर ने कहा कि जब पकड़े गए आरोपी बयान दे चुके हैं कि निगम के अधिकारी 18 से 20 प्रतिशत कमीशन लेते थे तो अब तक किसी बड़े अधिकारी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। जिनके संरक्षण में यह कांड हुआ है उन्हें भी आरोपी बनाया जाना चाहिए।
फर्जी बिलकांड के तार निगम के बर्खास्त बेलदार असलम से भी जुड़ रहे हैं। हाल ही में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए मौसम व्यास के बारे में पता चला है कि वह असलम के भाई एहतेशाम के यहां काम करता था। पुलिस ने फर्जीवाड़ा में एहतेशाम को भी आरोपी बनाया है। उसने भी अपने रिश्तेदारों के नाम फर्म बनाई थी। यह बात भी पता चली है कि फर्जीवाड़े में शामिल कई फर्मों ने अपना जीएसटी रजिस्ट्रेशन ही निरस्त करवा लिया है। इसके बाद अब नगर निगम के लिए इन फर्मों से वसूली आसान नहीं होगी।


Share:

Leave a Comment