सीधी(ईन्यूज एमपी ).- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला न्यायाधीश श्री संजीव कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में दिनांक 11 मई 2024 को जिला न्यायालय सीधी एवं सिविल न्यायालय चुरहट, रामपुर नैकिन तथा मझौली में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय सुधीर सिंह चौहान, विशेष न्यायाधीश एवं प्रभारी अधिकारी नेशनल लोक अदालत रमा जयंत मित्तल, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह, एवं अन्य न्यायाधीशगण द्वारा जिला न्यायालय परिसर में दीप प्रज्वलन कर किया गया।विशेष न्यायाधीश श्रीमती रमा जयंत मित्तल ने न्यायाधीशगण एवं अधिवक्तागण से प्रकरणों का निराकरण मध्यस्थता के माध्यम से करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की। प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री सुधीर सिंह चौहान ने कहा कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच समझौते के आधार पर निराकरण हो जाता है जिसके बाद दोनों पक्षों में आपसी वैमनस्यता समाप्त हो जाती है। चौहान ने कहा कि नेशनल लोक अदालत में दोनों पक्षों की जीत होती है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह ने कहा कि यह लोक अदालत इस वर्षकी दूसरी लोक अदालत है और लोक अदालत को सफल बनाने में वकीलों का अहम योगदान रहा है। समझौता एक ऐसा विकल्प है जिसमें आगे होने वाली लड़ाई समाप्त हो जाती है। श्री सिंह ने कहा कि नेशनल लोक अदालत एक कल्याणकारी योजना है जिसके माध्यम से सिविल, आपराधिक, मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस, पारिवारिक विवाद का निराकरण समझौते के आधार पर हो जाता है। एक स्वच्छ समाज की कल्पना के लिए ये एक अच्छा माध्यम है। सिंह ने अभिभाषकगण को अंतिम समय तक लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण करने हेतु बल दिया। जिलाविधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव वीरेन्द्र जोशी ने मध्यस्थता के बारे में विस्तार से बताया तथा यह भी बताया कि मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण जल्दी हो जाता है। जोशी ने यह भी बताया कि किसी भी विषय पर दो पक्षों में विवाद उत्पन्न होने पर सर्वप्रथम उसे मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने के प्रयास किया जाना चाहिए। इसके साथ ही न्यायाधीशगण एवं अधिवक्तागण से मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण करने हेतु प्रेरित किया। जोशी ने नेशनल लोक अदालत के अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। जोशी ने अधिवक्तागण से प्रकरणों का मध्यस्थता के माध्यम से अंतिम समय तक निराकरण करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोगकी अपेक्षा की। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला ने शुभारंभ कार्यक्रम में उपस्थित हुये समस्त अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन रूपेन्द्र कुमार मिश्रा सहायक ग्रेड-3 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रथम जिला न्यायाधीश मुकेश कुमार, द्वितीय जिला न्यायाधीश राजेश कुमार श्रीवास्तव, तृतीय जिला न्यायाधीश विकास चौहान, चतुर्थ जिला न्यायाधीश गौतम कुमार गुजरे, तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश उर्मिला यादव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्ष्मण डोडवे, न्यायाधीशगण सोनू जैन, शोभना मीणा, रेनू श्रीवास्तव, सोनम शर्मा, अभिषेक साहू, अनिरूद्ध कुमार उचाड़िया, सुशील गहलोत, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल देवेन्द्र प्रसाद मिश्रा, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल विनोद कुमार श्रीवास्तव, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री सत्यप्रकाश पाण्डेय, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल देवेन्द्र प्रसाद द्विवेदी तथा अधिवक्तागण राजेन्द्र सिंह परिहार, प्राधिकरण के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय सीधी में 15 खण्डपीठें, व्यवहार न्यायालय चुरहट में 03, मझौली में 02 व रामपुर नैकिन में 02 खंडपीठे गठित की जाकर कुल 22 न्यायिक खण्डपीठें गठित की गई थी। नेशनल लोक अदालत में समझौता योग्य आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, निगोशियेबल इस्ट्रूमेन्ट एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउंस प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय तथा, नगर पालिका के जलकर से संबंधित प्रकरणों के सहित विद्युत वितरण कम्पनी, समस्त बैंकों के ऋण वसूली मुकदमा पूर्व प्री-लिटिगेशन के प्रकरण इस लोक अदालत में निपटारे हेतु रखे गये। सीधी, चुरहट, रामपुर नैकिन एवं मझौली में आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लम्बित कुल 3434 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 296 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इसी प्रकार कुल 16259 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 1842 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इस प्रकार कुल 16259 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 1842 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 2138 प्रकरणों का निराकरण हुआ। मोटर दुर्घटना दावा के अन्तर्गत 22 क्लेम प्रकरण निराकृत किये गये जिसमें पक्षकारों को 4935000 रूपये की क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त हुई। विद्युत अधिनियम से संबंधित एवं न्यायालय में लंबित 150 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 424291 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ तथा विद्युत के 1453 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 1738640 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। नेशनल लोक अदालत में 8534000 रूपये के चेक बाउंस के 32 प्रकरणों का निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत में 168 आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों, 15 वैवाहिक प्रकरणों, 12 सिविल प्रकरणों तथा 13 अन्य प्रकरणों का निराकरण सफलतापूर्वक किया गया। नेशनल लोक अदालत में बैंक वसूली के 87 प्रीलिटिगेशन जिसमें विभिन्न बैंकों को 5530097 रूपये की राशि प्राप्त हुई। नगरीय निकाय के अन्तर्गत, जलकर कर के 57 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें नगरीय निकायों को लगभग 133547 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ।