सीधी ( ईन्यूज एमपी) सन 1981 से 1983 के दशक में जंगलों के रहनुमा जिसकी एक धाक थी जिसकी अनंत किदवंतिया हैं वह आज अब हमारे बीच नही रहा , जिले में बहुत अधिकारी आते हैं और चले जाते हैं उनमे से कुछ याद रहते हैं और कुछ आदर्श उदाहरण देकर एतिहासिक हो जाते हैं ऐसा ही एक नायाब अधिकारी इस दुनिया से अलविदा हो चुके हैं ... जी हां हम बात कर रहे हैं रिटायर्ड IFS अफसर संकठा प्रसाद दुबे की जिनका राजधानी भोपाल में इलाज के दौरान निधन हो गया है । वर्ष 1943 में मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती रीवा जिले के हनुमना तहसील बेलौंही गांव में जन्मे संकठा प्रसाद दुबे दरबार कालेज TRS रीवा से स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद देहरादून से फारेस्ट्री की शिक्षा अर्जित कर वह जंगल विभाग में अनेक पदों पर रहते हुये एक नजीर पेश किया था । पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह के करीवी अधिकारियों में से एक ऐसा नाम "संकठा प्रसाद दुबे " जिन्होंने उस पीरियड में सीधी के वन माफियाओं को सबक सिखाया था । चार दशक पुराने इतिहास के वही साक्षी हैं जो आज आबाद है । शायद उनके निधन की खबर से वह आंखें जरूर नम होंगी । सीधी के रिटायर्ड डीफओ संकठा दुबे के निधन की खबर से पूर्व सांसद गोविन्द मिश्र पूर्व विधायक केदारनाथ शुक्ल , रिटायर्ड प्राचार्य अर्जुन प्रसाद मिश्र , रिटायर्ड इंजीनियर एसपी शुक्ल , पत्रकार सोमेश्वर सिंह, विजय सिंह , सचीन्द्र मिश्र सहित उनके शुभचिंतकों ने गहरा दुख प्रकट किया है । 💐 सादर श्रद्दांजलि💐