सीधी ( ईन्यूज एमपी सीधी जिले की सिहाबल सीएससी अन्तर्गत बहरी समेत आने वाले इलाकों में स्वास्थ्य विभाग कि निष्क्रियता के चलते झोलाछाप डाक्टरों कि भरमार है। स्वास्थ विभाग की लचर व्यवस्था से गांव गांव में झोला छाप डॉक्टर की सजीधजी दुकानें फल फूल रही हैं कारण की सिहाबल में पदस्थ BMO का इन्हे खुला संरक्षण प्राप्त है सुबिधा सुबिधा शुल्क के आगे वह नतमस्तक हैं । सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार सिहाबल मुख्यालय सहित बहरी, अमिलिया, मायापुर, खुटेली,अमरपुर, पोखरा , नकझर , कुबरी , कुचबाही , अमरपुर , सोनवर्षा , हिनौती , हटबा , सजवानी जैसे पचासों गांव में झोलाछापों कि दुकाने संचालित है। बतादें कि सिहाबल मुख्यालय जंहा खुद बीएमओ तैनात हैं वंहा उनके इर्दगिर्द व बाजार में बंगाली डॉक्टरों का बोलबाला है लेकिन बीएमओ साहब चंद.... के चक्कर में बंगलिया के सामने सरणागत हैं ...? सिहाबल और बहरी में पदस्थ जिम्मेदार इन डॉक्टर साहबानों के कारण यहां की जनमानस लुट रही है , आये दिन बेमौत मर रही है , और ये साहब सुविधा शुल्क बटोरने में लगे हुए है। झोलाछापो कि बढ़त में कहीं न कही जिम्मेदार अधिकारी की भी मिली भगत है। एक तरफ सरकार लाख वादे करती है की गांव में सरकारी अस्पताल खुलवा दिये और डॉक्टर की पदस्थापना की गई है। परंतु डाक्टर अपनी कमाई करने के चक्कर में अस्पताल नही जाते है। और एक पक्ष यह भी है कि अगर यह झोलाछाप इन क्षेत्रों नही होते तो हाहाकार भी मचता पर भले यह दक्ष नही हैं भगवान भरोषे ही सही तुक्का ही सही इलाज तो कर रहे हैं अब देखना दिलचस्प होगा की जिले में सीएमएचओ की कुर्सी में विराजमान साहब व जिला प्रशासन सिहाबल और बहरी पर लगाम लगायेंगे या फिर ....?