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Home मध्य प्रदेश अफसर चुप, आबकारी आयुक्त तक पहुंचा केस, कलेक्टर ने कहा- मामले को दिखवाया जाएगा।

अफसर चुप, आबकारी आयुक्त तक पहुंचा केस, कलेक्टर ने कहा- मामले को दिखवाया जाएगा।

मध्यप्रदेश(ईन्यूज एमपी)- होली पर अस्थाई लाइसेंस जारी कर खुद ही छापा मारने के मामले में आबकारी के स्थानीय अफसर कटघरे में हैं। आबकारी विभाग के अफसरों के पास इसका जवाब नहीं है कि पहले लाइसेंस जारी किया और फिर आयोजक को बिना सूचना दिए ही छापेमार कार्रवाई कर दी। शिवपुरी लिंक रोड स्थित फिरंगी पानी रिसोर्ट के आयोजन को ही टारगेट किया गया जबकि दूसरे ठिकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पूरे मामले के खुलासे के बाद आबकारी विभाग ने जानकारी साझा कि दबिश की कार्रवाई की गई और केस बनाया लेकिन मौके से क्या जब्त हुआ क्या नहीं यह कुछ भी नहीं बताया गया। वहीं यह पूरा मामला आबकारी आयुक्त तक भी पहुंचा है, दूसरी कलेक्टर रूचिका चौहान के अनुसार वह इस मामले को दिखवाएंगी और अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी।
बता दें कि शिवुपरी लिंक रोड पर फिरंगी पानी नाम से रिसोर्ट है। यहां जेसीआइ क्लब की ओर से जश्न ए रंंग होली की पार्टी का आयोजन रखा गया था। इसमें शहर के संभ्रांत वर्ग के लोग जुटे थे और इसकी एंट्री फीस भी रखी गई थी। सोमवार को होली के दिन यहां पार्टी आयोजन को लेकर आयोजक क्लब की ओर से शराब परोसने के लिए एक दिन का अस्थाई लाइसेंस आनलाइन लिया गया था। इसके बाद होली वाले दिन दोपहर को आबकारी के अधिकारियों ने दल बल के साथ छापेमार कार्रवाई कर दी।

आबकारी विभाग के इस कारनामे के खुलासे के बाद हड़कंप मच गया। ऐसे में खुलासा होते ही आबकारी विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि फिरंगी पानी रिसोर्ट में कलेक्टर के निर्देशन में कार्रवाई की गई जिसमें दबिश दी और केस बनाया। दबिश में क्या बरामदगी हुई इस पूरे मामले को छिपाया गया। एक रोज पहले ही इस कार्रवाई में शामिल आबकारी के उप निरीक्षक रविशंकर यादव ने बताया था कि कोई ज्यादा सामग्री नहीं थी पांच या छह बीयर ही मिलीं थीं,कोई खास बड़ी कार्रवाई नहीं थी।

ग्वालियर का यह मामला मेरी जानकारी में आया है, शुष्क दिवस पर कार्रवाई की गई है, आवेदक ने लाइसेंस लिया,शुष्क दिवस का परमिट नहीं होने से अधिकारियों ने जांच की।
अभिजीत अग्रवाल, आयुक्त आबकारी,मप्र

होली के दिन रिसोर्ट में लाइसेंस जारी होने के बाद कार्रवाई के मामले में जानकारी ली जाएगी। आनलाइन लाइसेंस जनरेट होने के बाद आवेदक को सूचना को लेकर क्या सिस्टम है,दिखवाएंगे।
रुचिका चौहान, कलेक्टर

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