मालवा (ईन्यूज़ एमपी)- मालवा-निमाड़ प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और संभावनाओं वाला क्षेत्र है। यहां के जिलों से रोजगार के लिए पलायन की समस्या वर्षों से कायम है लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से यहां नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने की गति बेहद धीमी है। वर्षों इंतजार के बाद भी हालात सुधर नहीं रहे हैं।। उज्जैन पौने पांच लाख वयस्क लोगों की आबादी वाला शहर है, जहां के आधे लोगों के पास ढंग की नौकरी, व्यवसाय या रोजगार का साधन नहीं है। चार औद्योगिक क्षेत्रों (मक्सी रोड, आगर रोड, देवास रोड, नरवर) में छोटे-बड़े मिलाकर 1500 उद्योग संचालित हैं, जिनमें लगभग 15 हजार लोग रोजगार पा रहे हैं। सांसद अनिल फिरोजिया और हाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रयास से नरवर स्थित विक्रम उद्योगपुरी और मेडिकल डिवाइस पार्क में 40 नए उद्योगों की आधारशिला रखी है। जहां अगले दो-तीन वर्षों में उत्पादन शुरू होने पर 12 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलने का दावा है।खंडवा जिले में उद्योग-कारखानों की बेहद कमी है। आदिवासी क्षेत्र और अंचलों से अधिकांश परिवार रोजी-रोजगार के लिए महानगरों की ओर पलायन करते हैं। औद्योगिक विकास के लिए ग्राम भावसिंगपुरा रूधि में एकेवीएन ग्रोथ सेंटर विकसित किया गया है, लेकिन पांच साल में यह आबाद नहीं हो सका है। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के ढ़ाई वर्षीय कार्यकाल में भी औद्योगिक विकास और रोजगार के क्षेत्र में संसदीय क्षेत्र को कोई सौगात नहीं मिल सकी है।