भोपाल (ईन्यूज एमपी)- स्कूल शिक्षा विभाग ने आठ फरवरी को आदेश जारी कर प्रदेश में फीस विनियमन अधिनियम 2020 कानून का पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत प्रदेश के निजी स्कूलों से फीस, पाठ्यक्रम और किताबों की जानकारी मांगी गई थी, लेकिन एक माह बाद भी राजधानी के 321 स्कूलों में से सिर्फ 13 स्कूलों ने जानकारी अपलोड की है। मामले में अब तक कोई जिला स्तरीय समिति गठित नहीं की गई है। स्कूलाें पर कोई शिकंजा नहीं कसा जा रहा है।फिर से इस साल अभिभावकों को निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदनी पड़ेगी। हर साल कलेक्टर की ओर से आदेश जारी किए जाते हैं, लेकिन डीईओ आदेश का पालन नहीं करते हैं।डीइओ अभिभावकों की ओर से शिकायतों का इंतजार कर रहे हैं और निजी स्कूलों का मनमानी जारी है, जबकि डीइओ को निजी स्कूलों से पाठ्यक्रम और फीस संबंधित पूरी जानकारी लेकर निरीक्षण किया जाना था। हर साल बस आदेश जारी होते हैं। राज्य शासन ने मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) 2017 एवं नियम-2020 लागू कर चुका है। हाल में आदेश जारी कर सभी स्कूलों को सत्र 2023-24 के लिए नियत की गई फीस संरचना (कक्षावार एवं संवर्गवार विभिन्न मदों में) की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।निजी स्कूल विगत तीन वर्षों (2020-21, 2021-22, 2022-23) के बजट की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। बैलेंस शीट, प्राप्ति एवं भुगतान पत्रक, आय-व्यय शेड्यूल सहित अंकेक्षण प्रतिवेदन शामिल होंगे। इसके बाद संबंधित विषयों के पालन में निजी स्कूलों द्वारा 100 रूपये के गैर न्यायिक स्टांप पेपरों पर आवश्यक वचन पत्र भी अपलोड करना होगा। हर साल विभाग आदेश जारी कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। इस कारण हर साल मनमाने ढंग से अधिकतर सीबीएसई स्कूल फीस बढ़ा देते हैं, जबकि स्कूलों को फ़ीस बढ़ाने से पहले कलेक्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति को स्कूल संचालकों को फीस, कापी-किताब व पाठ्यक्रम से संबंधित पूरी जानकारी देनी होती है, लेकिन भोपाल जिले में यह समिति ही नहीं बनी है इनका कहना है -अब तक 321 में से 13 निजी स्कूलों ने जानकारी दी है। अगर अभिभावक शिकायत करेंगे तो कार्यवाही की जाएगी। अंजनी कुमार त्रिपाठी, डीइओ