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Home मध्य प्रदेश खुद को एसपी का दोस्त बताकर रिटायर्ड इंस्पेक्टर से जवान ने ठगे 50 हजार, फेसबुक से बिछाया था जाल..

खुद को एसपी का दोस्त बताकर रिटायर्ड इंस्पेक्टर से जवान ने ठगे 50 हजार, फेसबुक से बिछाया था जाल..

ग्वालियर (ईन्यूज एमपी)- शहर के झांसी रोड थाना क्षेत्र के हरिशंकरपुरम कॉलोनी में रहने वाले एक रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर से 50 हजार रु का फ्रॉड हो गया. राजेश मंगल नामक व्यक्ति से एक शख्स ने छतरपुर एसपी अमित सांघी का दोस्त बनकर बात की और अपना कीमती फर्नीचर बेचने के नाम पर चूना लगा दिया. खुद को एसपी का दोस्त बताने वाले शख्स ने अपना नाम राजू दास और खुद को एयरफोर्स में तैनात बताया था.
खुद को छतरपुर एसपी अमित सांघी का दोस्त बताने वाले आरोपी ने रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर राजेश मंगल को बताया कि एयरफोर्स ने उसका ट्रांसफर अचानक ग्वालियर से बाहर कर दिया है. इसके बाद आरोपी ने भरोसे में लेते हुए अपने कीमती फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामान को बेहद कम दाम पर बेचने की बात की. दरअसल, ठग ने एक फर्जी आईडी फेसबुक पर बनाई थी, जिसमें छतरपुर एसपी अमित सांघी के नाम से फर्जी पोस्ट किया गया था. इस पोस्ट में यह बताया गया कि एसपी का एक मित्र एयर फोर्स स्टेशन महाराजपुर में पदस्थ है. उसका ट्रांसफर होने के कारण वह अपना घरेलू कीमती सामान बेचना चाह रहा है.

ठग के झांसे में आए रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर
सोशल मीडिया साइट पर पूरे सामान की लिस्ट देखकर रिटायर्ड कॉपरेटिव इंस्पेक्टर ठग के झांसे में आ गए. उन्होंने सामान खरीदने की इच्छा जताई, जिसके बाद ठग ने उन्हें अपना पेटीएम यूपीआई नंबर दिया जिस पर उन्होंने पहले 30 और फिर 20 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद ठग ने उनसे जीएसटी के नाम पर 21 हजार रु की डिमांड की और बताया कि एयरफोर्स का ट्रक सामान लेकर उनके घर हरिशंकरपुरम आने वाला है. जीएसटी के पैसे ट्रक के साथ आ रहा युवक उन्हें रिफंड कर देगा. लेकिन ठग की इस बात पर राजेश मंगल को शक हुआ और उन्होंने बैंक बंद होने का हवाला दिया और दूसरे दिन पैसों का इंतजाम करने की बात कही.

जब छतरपुर एसपी तक पहुंची बात
राजेश द्वारा जैसे ही बैंक बंद होने का हवाला दिया गया ठग ने रिटायर्ड इंस्पेक्टर से अपना संपर्क तोड़ दिया. ठगे जाने का एहसास होते ही रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने पुलिस अधीक्षक अमित सांघी से संपर्क किया. छतरपुर एसपी सांघी ने बताया कि उनका कोई दोस्त राजू दास नहीं है और न ही उनके द्वारा सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट की गई है. तब राजेश मंगल को अपने ठगे जाने का एहसास हुआ और उन्होंने एसपी को पूरा वाकया सुनाया. वहीं पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने इस मामले में अपना नाम आते ही क्राइम ब्रांच को त्वरित कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.

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