सीधी(ई न्यूज़ एमपी)जिला टीकाकरण अधिकारी नागेंद्र बिहारी दुबे ने बताया कि एनीमिया मुक्त भारत की रणनीति को समूचे प्रदेश सहित जिले में लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत 72 प्रतिशत 5 वर्ष तक की आयु के बच्चे और 58 प्रतिशत 15 से 19 वर्ष की किशोरी बालिकाएं और 31 प्रतिशत किशोर बालक एनीमिया से ग्रसित है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के कारण विद्यार्थियों में एकाग्रता, कार्य क्षमता, मानसिक क्षमता में कमी, शाला में उपस्थित पर विपरीत प्रभाव, थकान आदि लक्षण पाए जाते हैं। रक्त अल्पता अर्थात एनीमिया की व्यापकता को प्रभावी रूप से कम करने के लिए शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा आदिम जाति कल्याण विभाग के समन्वय से बहुआयामी रणनीतियों को विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसके संबंध में कुसमी विकासखंड के निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों से चर्चा हेतु बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुसमी में बैठक आयोजित की गई। डॉ दुबे द्वारा बैठक में शासन द्वारा दिए गए पूर्व निर्देशों के अनुसार विस्तृत चर्चा करते हुए उपस्थित विद्यालय प्रतिनिधियों को स्मरण दिलाते हुए कहा कि प्रत्येक मंगलवार को कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को भोजन उपरांत 1 आई.एफ.ए. गुलाबी गोली का सेवन कराना है तथा 10 से 19 वर्ष तक के किशोर-किशोरियों को प्रत्येक मंगलवार को भोजन उपरांत 1 आई.एफ.ए. नीली गोली का सेवन कराना है। इस बैठक में सीबीएमओ डॉ अजय प्रजापति, एविडेंस एक्शन के रिजिनल कोऑर्डिनेटर निमीष मिश्रा, डीसीएम नरेंद्र पटेल, वीसीसीम यूएनडीपी विकास सिंह, बीपीएम अरविंद द्विवेदी, बीसीएम देवेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।