सीधी(ईन्यूज़ एमपी) सीधी ( ईन्यूज एमपी) कलेक्टर साकेत मालवीय ने कुशमी जनपद मामले में वित्तीय अनियमितता के कारण आर एन मिश्रा लेखापाल कार्यालय कार्यपालन यंत्री महान नहर संभाग सीधी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है । निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर जिला सीधी नियत किया गया है। जबकि संकट मोचन तिवारी कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग जिला सीधी के विरुद्ध आग्रिम कार्यवाही प्रस्तावित कर कमिश्नर रीवा को भेजी गई है। उल्लेखनीय है कि जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत पिछले 2 वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कुल 112 कार्यों की राशि रूपये 1922.85 लाख की तकनीकी स्वीकृति कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग सीधी द्वारा बिना सक्षम अनुमति के जारी की गयी तथा कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति नियम विरूद्ध ग्राम पंचायत से मिलकर प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी कराया गया जबकि उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी करने हेतु वह सक्षम नही है। मनरेगा अधिनियम के प्रावधान अनुरूप अन्य क्रियान्वयन एजेंसियों का निर्धारण जिले के कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को यह अधिकार प्राप्त है। इस प्रकार ग्राम पंचायत एवं जल संसाधन विभाग द्वारा सक्षम स्वीकृति के बिना तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृत के 112 कार्यों में राशि रूपये 1922.85 लाख जारी की गयी तथा नियम विरूद्ध 1431.91 लाख रूपये का व्यय किया गया जो वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। उक्त प्रकरण के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जिलास्तरीय दल से जांच कराये जाने के वाद जिला प्रशासन द्वारा उपरोक्त कार्यवाही की गई है । बतादें के कुशमी के तथाकथित अधिकारियों ने वनाचंल क्षेत्र को चारागाह वना दिया गया है , ने यम कायदों को दरकिनार कर मनमानी आर्थिक अनियमितता को अंजाम देने वाले सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री , एसडीओ सहित कुशमी सीईओ पर अभी गाज गिरनी शेष है कारण कि यह अधिकार कलेक्टर को नही कमिश्नर को है ।