सतना( ईन्यूज एमपी) मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि कई दशक पुराने मंदिर के मामले में जब सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला दे दिया तो फिर मंदिर उस जगह पर क्यों नहीं बनाया जा रहा है, जहां मस्जिद थी और जिसे रामलला का जन्मस्थल बताया जाता रहा है। बुधवार की रात सतना पहुंचे दिग्विजय ने पत्रकारों से बात करते कहा कि धर्मशास्त्र में मान्यता है कि निर्माणाधीन मंदिर में कोई प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती। जब मंदिर पूरी तरह बन जाएगा, तब हम जाएंगे और दर्शन करेंगे। भाजपा पर धर्मशास्त्र की मान्यताओं को दरकिनार करने के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में न तो कोई शंकराचार्य जा रहे हैं और न ही रामानंद संप्रदाय के संत जा रहे हैं। विहिप, संघ और पीएम नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह से यह आयोजन रचा है, उसमें कोई राजनीतिक दल भी शामिल नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा, संघ और विहिप ने निर्मोही अखाड़ा का भी अधिकार छीना है।