सीधी (ईन्यूज एमपी) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित सीधी की ब्रांच गांधीग्राम द्वारा ट्रैक्टर वितरण के नाम पर आदिवासी किसानों के साथ करीब दो करोड़ की जालसाजी के मामले में आरोपियों के खिलाफ जमोड़ी पुलिस द्वारा न्यायालय में चालान पेश किये जाने के बाद एक वार फिर हड़कम्प मच गया है । नामजद 12 आरोपियों के अलावा इस मामले में तथाकथित तहसीलदार , पटवारी सहित विधिक क्षेत्र के लोग भी इस जालसाजी का शिकार हो सकते हैं । वर्ष 2011-12 व 13 में 143 ऐसे किसान हैं जिनके नाम पर गांधीग्राम ब्रांच की चार सेवा सहकारी समितियों द्वारा फर्जी ट्रैक्टर ऋण तैयार कर भोलेभाले गरीबों के नाम पर करीब दो करोड़ का चूना लगाया गया है । ट्रैक्टर ऋण घोटाला घटनाक्रम में तत्कालीन कलेक्टर सीधी ने ADM सीधी की अध्यक्षता में जांच हेतु 4 सदस्यी टीम का गठन किया था । जांच समिति के सदस्य तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपेंद्र सिंह तिवारी के साथ राजस्व , पुलिस व सहकारिता की टीम ने सरकारी फर्जीवाड़े का दस्तावेज खंगालकर आग तो लगाई गई लेकिन मामला ठण्डे बस्ते में बास कर रहा था ,एक वार फिर जमोड़ी पुलिस की कार्यवाही से मामला तूल पकड़ लिया है । बता दें कि दिसम्बर माह की पेंडेंसी दूसरे माननीय हाईकोर्ट जबलपुर की समय सीमा 120 दिवस पूरे होने के नाते मामला एक बार फिर न्यायालय की देहलीज में पंहुच चुका है । पुलिस द्वारा पेश किये गये चालान के बाद बंजर भूमि या फिर गैर पट्टेदारों के नाम लोन सेंसन कराने बाले शेष तथाकथित अन्य आरोपियों पर भी अब तलवार लटकेगी । विधानसभा चुनाव के चलते एक ओर प्रशासनिक गति धीमी होना दूजे सियासी पारे में पिरोये वह जो अपने आपको निर्दाग साबित मान चुके थे अब उन पर फिर एक बार संकट के बादल मड़राने लगे हैं । ट्रैक्टर ऋण माफियाओं द्वारा आदिवासी किसानों के साथ की गई धोखाधड़ी की परत खुलने में भले देर हैं लेकिन अंधेर नही ....