भोपाल( ईन्यूज एमपी) - प्रदेश में सड़कें ऐसी पद्धति से बनाई जाएं, जिससे लागत भी निकले और सरकार को राजस्व भी मिले। गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। अगले दस वर्ष में विकास की गति को देखते हुए शहरों का चयन करें और भविष्य में विकास की संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान कर सड़क निर्माण की योजना बनाएं। यह निर्देश मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान दिए 50 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए प्रकोष्ठ बनाएं। साथ ही दूसरे देश और राज्यों की सड़क निर्माण में अपनाई जा रही अच्छी पद्धतियों का अध्ययन कराएं। सड़क निर्माण में एनएचएआइ जैसी निर्माण संस्थाओं की तरह ऐसी पद्धति अपनाएं जिससे लागत भी निकले और सरकार को राजस्व भी मिले। इसे केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के सहयोग से तैयार किया गया है। बैठक में विभागीय गतिविधियों को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।