सीधी ( ईन्यूज एमपी ) रोंकों टोंकों ठोंकों क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक समाजसेवी एडवोकेट उमेश तिवारी ने कहा है कि एक बेहतर भविष्य के लिए लगातार संघर्ष में लगे रहने वाले आदिवासी मित्रों, साल 2024 का आज पहला दिन है आगे क्या चुनौतियां होगी उन्हें देखा जाएगा मगर पिछले साल महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, सरकारी सांप्रदायिकता, तार तार होती संवैधानिक व्यवस्था इनको जरूर याद रखिएगा। 2024 में बेहतरी हेतु आदिवासी संघर्ष के बिंदु में पेसा कानून और लघुबनोपजों पर आदिवासियों के अधिकार हेतु संघर्ष , संविधान में अनुसूचित क्षेत्र के वन प्रबंधन में ग्राम सभा का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए भारतीय वन कानून 1927 में आवश्यक संशोधन के लिए संघर्ष। , भूमि अधिग्रहण मे पूर्ण सहमति को वाध्यकारी बनाया जाए जिससे आदिवासी क्षेत्रों में जबरन विस्थापन रोका जा सके, के लिए संघर्ष , पेसा कानून के तहत शराब की नई दुकान खोलने का या पुरानी दुकान का स्थान परिवर्तन का अधिकार ग्राम सभा को है परंतु अधिकारी कर्मचारी इसे लागू नहीं कर रहे, लागू करने के लिए संघर्ष , पांचवी अनुसूची वाले क्षेत्रों में जनजातीय सलाहकार समिति के अधिकारों को प्रभावशील बनाने हेतु संघर्ष जैसे अमुख मुद्दे शामिल हैं ।