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अयोध्या से आये अक्षत कलश का हुआ सीधी में नगर भ्रमण


सीधी(ईन्यूज एमपी)-22 जनवरी को होने जा रहे भव्य श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिये सीधी जिले में भी तैयारियाॅ प्रारम्भ हो गई है। जिसमें प्रथम पड़ाव में सीधी नगर में स्थानीय पूजा पार्क से श्रीराम मंदिर आमंत्रण अक्षत कलश का नगर भ्रमण हजारों भक्तों की भीड़ में धूम-धाम से किया गया। सर्वप्रथम वैदिक मंत्रोच्चारण से नगर के अक्षत कलशों का पूजन किया गया। जिसमें ग्यारह बस्तियों के लियें ग्यारह कलश स्थल बनायें गये थे। तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित मातृशक्तियों ने कलश को अपने सर पर रखकर नगर भ्रमण किया जिसमें सभी भक्तगण शामिल हुये। यह भ्रमण स्थानीय पूजा पार्क सीधी से अस्पताल चैक, सम्राट चैक, कोतवाली रोड, हनुमान मंदिर, पटेल पुल, बस स्टैंड, गांधी चौक होते हुये पुनः पूजा पार्क में समाप्त हुई।
इस अवसर पर समस्त सीधी नगर भगवामय एवं श्रीराम धुन से सुशोभित हो रहा था। जगह-जगह भक्तों के द्वारा कलश यात्रा का स्वागत किया गया। ये अक्षत कलश अयोध्या से पूजित होकर को प्रभु श्रीराम के पूज्य स्थान चित्रकूट में पहुंच थे। चित्रकूट से ये कलश पूरे महाकौशल प्रांत में पहूॅच गये है। सीधी जिले से अक्षत कलश सभी खंडो में भेजे गए थे और आज भव्य कार्यक्रम के साथ सीधी नगर के अक्षत कलश का नगर भ्रमण किया गया। इस अवसर पर सीधी नगर वासियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। जगह-जगह मात्र शक्तियों द्वारा कलश का स्वागत किया गया एवं पुष्प वर्षा की गई। हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा, श्री राम स्तुति एवं आरती का पाठ किया गया। सीधी जिलें में एक लाख सोलह हजार परिवारों तक श्रीराम मंदिर का निमंत्रण भेजा जायेगा। जिसकी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। 500 वर्षों के बाद प्रभु राम लला अपने घर को लौट रहे हैं। आप भी इसके साक्षी बने और जब आप प्रभु राम लला अयोध्या में विराजमान हो रहे हों तो अपने घरों पर 11 घी के दीपक जलाकर, हवन, घरों में पुष्प एवं आकर्षक रोशनी से सजाकर भजन कीर्तन के माध्यम से प्रभु रामलला का स्वागत करें। आगामी कार्यक्रमों में सभी अक्षत कलशों का नगर के सभी बस्तियों में प्रत्येक वार्ड के अंदर जो प्रमुख मंदिर हैं उनके अंतर्गत इन सभी अक्षत कलशो का पूजन एवं भ्रमण चलेगा और तत्पश्चात अक्षत का वितरण पूरे जिले में किया जाएगा। जिसमें नगर की छोटी इकाई मोहल्ला एवं खंडो कि छोटी इकाई ग्राम मानी गई है। श्री राम समरसता के प्रतीक थे। उन्होंने केवट की नाव से गंगा पार किया और शबरी के झूठे का बेर खाकर पूरे समाज को एक होने का संदेश दिया। इसी संदेश को लेकर के जन-जन तक समरसता के भाव को पहुंचना ही श्री राम मंदिर का प्रमुख उद्देश्य है। राम सभी धर्मो, जातियों एवं संप्रदायों के मानक प्रतीक है और सबके साथ सबके राम इसी सिद्धांत के साथ और समरसता के भाव के साथ एक नए भारत का निर्माण करना है। उक्त यात्रा का उद्देश्य श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के प्रति जन जागरण करना था।

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