सीधी(ईन्यूज एमपी)- जिले के कुसमी आदिवासी अंचल के छात्रावासों की हालत दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है यहां खण्ड अधिकारी एवं जिला अधिकारी निरीक्षण नहीं करते जिससे मनमनी रवैये से अधीक्षक छात्रावास चला रहे है और बच्चो को अन्य सुविधा तो दूर भोजन तक मीनू के हिसाब से नही दिया जा रहा है। कुछ ऐसा ही मामला सीधी जिले के आदिवासी विकासखंड कुसमी के मुख्यालय स्थित अंग्रेजी आवासीय छात्रावास कुसमी का मामला प्रकाश में आया है जहां अधीक्षक की तानाशाही के चलते छात्रावास के छात्रों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है। जिसकी जानकारी स्वयं छात्रों ने मीडिया कर्मी को दी है मीडिया कर्मी के पास मामले के संबंध में परिजनों ने शिकायत की थी शिकायत के बाद जब मीडिया कर्मी छात्रावास में पहुंचे तब छात्रों ने अव्यवस्थाओ की पोल खोल कर रख दी छात्रो नेबताया कि उनको सुबह का नाश्ता नहीं दिया जाता है और न ही दोपहर यहां तक की शाम को लंच नहीं दिया जाता है। अध्यनरत छात्र छोटे छोटे है जिनको जल्दी से भूख लग जाती है और छात्रावास में मात्र 10बजे एवं रात 8बजे यानी दो बार ही उन्हें भोजन दिया जा रहा है।जिससे छात्र भूखे रहते है और उनकी हालत काफी नाजुक होती जा रही है। जबकि छात्रो को पौष्टिक भोजन भी देने है लेकिन मीनू के हिसाब से पोष्टिक भोजन दूध एवं अण्डे बच्चो को नसीब नही हो रहे है।इसके साथ-साथ छात्रों ने यह भी बताया कि नहाने के लिए महीना में एक बच्चे को एक साबुन दी जाती है और कपड़ा धोने में के लिए कभी-कभार निरमा पाउडर दे दिया जाता है।ब्रस जीभी मंजन नही मिलता बच्चे घर से लाते है तब करते है।अधीक्षक की लापरवाही के कारण बच्चे साफ सुथरा भी नहीं रहते हैं। अधिकारी कर्मचारी एवं जिला के अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण भी नहीं किया जाता है जिससे मनमानी तौर पर अंग्रेजी माध्यम आवासीय विद्यालय पर अव्यवस्थाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पीने के पानी मे भी अव्यवस्था अंग्रेजी माध्यम आवासीय विद्यालय कुसमी के छात्रों ने बताया कि उनको पानी पीने के लिए अब हैण्ड पंप में जाना पड़ता है जबकि शासन के द्वारा बच्चों को पानी पीने के लिए आर ओ की व्यवस्था की गई है वहां पर आर ओ फिल्टर लगाया भी गया है लेकिन खराब हो जाने के बाद अधीक्षक के द्वारा कई माह से सुधार कार्य नहीं करवाया गया जिससे बच्चे हैंडपंप में पहुंचकर पी रहे है। छात्रावास में नहीं रहते अधीक्षक आवासीय विद्यालय के छात्रों ने जानकारी देकर बताया कि छात्रावास के अधीक्षक जिनको शासन की तरफ से वहां रूम की व्यवस्था की गई है फिर भी रात्रि में वह बच्चों के साथ नही रहते बताया जा रहा है कि छात्रावास के अधीक्षक साहब अपने घर पर रहकर की संचालन करते है।जिससे यदि छात्रों को रात्रि मे यदि अचानक कोई समस्या आ गई तो वह समस्या किसे कहें और बतादे कि इसके पूर्व में इसी छात्रावास में इतनी बड़ी घटना छात्र के साथ घट चुकी है। इसके बाद भी प्रशासनिक कर्मचारी की आंख अभी भी नहीं खुल पा रही है।