सीधी(ईन्यूज एमपी)- सीधी जिले में संचालित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट बघवार में एक मजदूर कि काम के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है जिसके बाद परिजनों द्वारा लगातार शव रखकर प्रदर्शन किया जा रहा है। परिजनों द्वारा कंपनी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है साथ ही मृतक के बच्चे को नौकरी,बेटी कि शादी व आर्थिक मदद कि मांग पर अडे हुए हैं। पूरे घटनाक्रम के बाद आम आदमी पार्टी के चुरहट विधानसभा से प्रत्याशी अनेंद्र गोविंद मिश्र मौके पर परिजनों के साथ बने हुए हैं जबकि अभी तक किसी प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने कि खबर नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र अंतर्गत बहुचर्चित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट मे काम के दौरान एक मजदूर श्रमिक की मौत हो गई है।परिजनों द्वारा बताया गया कि मृतक सुशील साहू 8 सितम्बर को दिन के लगभग 7:00 बजे घर से निकले थे और तब से घर वापस पहुंचे ही नहीं अगले दिन 9 तारीख को लगभग सुबह 8:00 बजे साथ में काम कर रहे कर्मचारी राम कलेश बैस द्वारा फोन आया कि सुशील साहू की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है उनको रीवा हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है लेकिन बाद में बात किए तो बताया गया कि सुबह लगभग 6:00 बजे सुशील साहू की तबीयत खराब हो गई थी लेकिन अल्ट्राटेक कंपनी अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था एवं एंबुलेंस में ना कोई ड्राइवर था जिसे लगातार 3 घंटे तक इंतजार किया गया जब तक मे सुशील साहू की मौत हो चुकी थी जब जाकर एंबुलेंस से प्रबंधक द्वारा रीवा भेजा गया लेकिन परिजन को किसी प्रकार की कंपनी प्रबंधक द्वारा सूचना नहीं दी गई जब जानकारी प्राप्त हुई तो प्रबंधक द्वारा गोलमाल घुमाता रहा कभी यह अस्पताल तो कभी यह अस्पताल बताता रहा सही जानकारी नहीं दी गई हालांकि परिजन जब रीवा हॉस्पिटल मिनेरवा मे लगभग 10:00 बजे पाया गया शव को लेकर हम लोग अल्ट्राटेक के मेन गेट में रखे हैं लेकिन अभी तक प्रबंधक एवं प्रशासन हम लोगों के पास नहीं आया और किसी प्रकार के बात नहीं किया जबकि मेन गेट के सामने सभी परिजनो का रो रो कर बुरा हाल है परिजनों की यह मांग है कि अब तो मृतक शरीर को जिंदा नहीं कर सकते हैं लेकिन उनके परिवार को भरण-पोषण के लिए ₹5000000 एवं 1 बच्चों की नौकरी बच्चों की पढ़ाई लिखित रूप में प्रबंधक द्वारा दिया जाए नहीं अपना प्राण त्याग देंगे जिसके जिम्मेदार शासन प्रशासन एवं अल्ट्राटेक प्रबंधक होगा मौके पर लगातार अनेंद्र गोविंद मिश्र डटे हुए हैं।