सीधी (ईन्यूज एमपी)- विगत दिनों हुए तबादलों के बाद आज सीधी जिले से 4 मेहमान अधिकारी भार मुक्त होकर नवीन जिलों की ओर चले गए लंबे समय से सीधी जिले में पदस्थ यह अधिकारी अपनी अमिट छाप छोड़ गए हैं और जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में दी गई अपनी सेवाओं से याद किए जाते रहेंगे। किसी ने पूरे नियमों का पालन करते हुए बिना किसी दबाव के जिले को अपनी सेवाएं दी तो किसी ने अपनी शर्तों पर काम किया किसी का मिलनसार व्यक्तित्व रहा तो किसी ने क्षेत्र में अपना अमिट योगदान दिया फिर चाहे वह गोखले हो सिन्हा हो सौरभ हो या अमृता सब ने जिले को अपनी सेवाएं दी और आज कलेक्टर से विदा ली। बात करें डिप्टी कलेक्टर श्रेयस गोखले की तो बेशक कद छोटा था लेकिन प्रशासनिक दक्षता काफी बड़ी थी और उससे भी बड़े उनके सिद्धांत जिसके साथ उन्होंने कभी समझौता नहीं किया जिले में कई विभागों का दायित्व उनके द्वारा बखूबी निभाया गया और सेवा के दौरान सभी नियमों को यथावत अक्षर सह पालन करने एवं दबावों से इतर काम करने के लिए इन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। करीब 3 वर्षों पूर्व सीधी जिले में पदस्थ हुए राजेश सिन्हा कई जगहों पर बतौर एसडीएम रहे और कई बार तो 2-2जगहों के एक साथ भी रहे अपनी प्रशासनिक दक्षता दिखाते हुए अपनी शर्तों पर इनके द्वारा काम किया गया पिछले चुनावों में भी उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता सेवा के दौरान कई बार विपरीत परिस्थितियां भी आई लेकिन कहते हैं ना एक बिहारी सब पर भारी । कभी मार्मिक होकर इन्होंने जनता और जिले की सेवा भी की तो कभी नियमों से इतर जाने वालों के लिए काफी सख्त भी हुए जिले में उतार-चढ़ाव भरे अपने कार्यकाल में सिन्हा काफी चर्चित रहे। सीधी जिले के गोपद बनास तहसीलदार के रूप में सेवाएं देने वाले सौरभ मिश्रा का जिले से काफी लगाव रहा है उत्तरहा वह नाम के हैं आमजन इनसे काफी जल्दी प्रभावित होते देखे गए सहज सरल और बघेली व्यवहार इनकी विशेषता रही सीधी हो या सिहावल बहरी इनके द्वारा विगत 3 वर्षों से जिले के राजस्व अमले में एक प्रहरी की तरह डंटे रहे सबसे लगाव और तर्कपूर्ण व्यवहार इनकी खासियत रही।नायब तहसीलदार होते हुए भी इनकी कार्यकुशलता के कारण इन्हें तहसीलदार के पद पर लंबे समय तक सेवाएं देने का मौका मिला और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सीधी की सियासत से लेकर ब्यूरोक्रेट्स तक अपनी अमिट छाप छोड़ी है ।