सीधी (ईन्यूज एमपी)- सीधी में आज चारों ओर आदिवासी विकास विभाग की चर्चाएं जोरों पर हैं कारण की इस विभाग के मुखिया आज ₹80000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुए हैं लेकिन यहां यह जान लेना जरूरी है कि 80 हजार की रकम लेते पहले भी साहब लपेटे में आ चुके हैं और तब भी इनके साथ एक अन्य कर्मचारी फसे थे और आज भी साहब के साथ उनके एक अन्य कर्मचारी को लोकायुक्त ने धर दबोचा है। जी हां आज लोकायुक्त पुलिस द्वारा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास राजेश परिहार को उनके एक अन्य कर्मचारी अनिरुद्ध पांडे के साथ ₹80000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है इनके द्वारा हॉस्टल अधीक्षक से स्थानांतरण के बदले यह राशि मांगी गई थी और साहब राशि के फेर में निपट गए। साहब के लिए घूसखोरी कोई नई बात नहीं है उन्हें तो इसकी आदत है लेकिन ताज्जुब यह है कि 80 हजार का आंकड़ा इनके लिए कुछ ठीक नहीं बैठ रहा इसके पहले भी साहब जब शिवपुरी में जनजाति कार्य विभाग में संयोजक के पद पर पदस्थ थे तो अपनी पदस्थापना के दौरान ₹80000 की रिश्वत लेते लोकायुक्त ग्वालियर द्वारा पकड़े गए थे और इनके साथ इनका एक चपरासी अवधेश शर्मा भी निपट गया था कहना गलत नहीं होगा कि साहब का साथ 80 हजार का आंकड़ा कुछ ठीक नहीं बैठा साहब के साथ पहले शर्मा जी गए और अब आज पांडे जी भी नप ही गए।