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परसाई जन्मशताब्दी पर प्रलेस का एक दिवसीय समारोह सीधी में आयोजित

सीधी(ईन्यूज एमपी)- प्रगतिशील लेखक संघ इकाई सीधी के द्वारा सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार स्वर्गीय हरिशंकर परसाई के जन्म शताब्दी पर सीधी में 30 जुलाई को एक दिवसीय कार्यक्रम समारोह पूर्वक मनाया जाएगा । दिन भर चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रदेश सहित देश के अनेक विद्वान हिस्सा लेंगे। सभी कार्यक्रम गांधी चौक स्थित मकसूदन पैलेस के वातानुकूलित सभागार में संपन्न होंगे। जिसमें व्याख्यान, नाटक, संगीत, चित्र प्रदर्शनी के कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं। कार्यक्रम दो सत्रों में होंगे। प्रथम उद्घाटन सत्र अपरान्ह 2:00 बजे से होगा। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रोफेसर सेवाराम त्रिपाठी होंगे।
समारोह का उद्घाटन सत्र खुला होगा जिसमें गणमान्य नागरिक, प्रबुद्ध वर्ग, आमंत्रित जन हिस्सा लेंगे। इंद्रवती नाट्य समिति के रंगकर्मी नीरज कुंदेर के अगुवाई में परसाई जी की रचना पर केंद्रित नाट्य प्रस्तुत करेंगे। सुप्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह तथा लोक गायिका कुमारी मान्या पांडे भी प्रस्तुति देंगी। समारोह समिति के संरक्षक मंडल सदस्य सभी श्री राजेंद्र भदौरिया समाजसेवी प्रोफेसर अनिल सिंह नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती काजल वर्मा बौद्धिक अतिथिगण का नागरिकों की ओर से स्वागत करेंगे।
प्रगतिशील लेखक संघ इकाई सीधी के अध्यक्ष सोमेश्वर सिंह ने उपरोक्त राशि की जानकारी देते हुए बताया है कि प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना सन 1936 में प्रेमचंद की अध्यक्षता में हुई थी। सज्जाद जहीर, मुल्क राज आनंद, रशीद जहां, अली सरदार जाफरी, जानिसार अख्तर, कृष्णचंद्र जैसे लेखक संघ के संस्थापक सदस्य हैं। यह देश का सबसे बड़ा लेखकों का संगठन है। जिसने देश के सांस्कृतिक चेतना के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रवींद्रनाथ ठाकुर, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, यशपाल, मुक्तिबोध, मजाज, केदारनाथ अग्रवाल, अन्नाभाऊ साठे, भीष्म साहनी, ख्वाजा अहमद अब्बास, कैफी आज़मी, मजरूह सुल्तानपुरी, साहिर लुधियानवी, हसरत मोहनी, नामवर सिंह तथा कमला प्रसाद से लेकर अनेक महत्वपूर्ण साहित्यकार इस संगठन से जुड़े रहे हैं।
हरिशंकर परसाई प्रगतिशील लेखक संघ के अग्रणी लेखक संगठनकर्ता और दूरदृष्टि रचनाकार थे। यह उनका जन्म शताब्दी वर्ष है। आज साहित्यकारों और रचनाकर्मियों को संगठित होकर मौजूदा राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक कठिनाइयों का मुकाबला करने के लिए सांस्कृतिक चेतना जागृत करनी पड़ेगी। इसीलिए "भारतीय लोकतंत्र और हरिशंकर परसाई के साहित्य" विषय पर द्वितीय वैचारिक सत्र होगा। जिसमें प्रोफेसर नीरज खरे, प्रोफेसर प्रभाकर सिंह, प्रोफेसर आशीष त्रिपाठी (सभी बीएचयू बनारस), डॉ राजेंद्र शर्मा (भोपाल), प्रोफेसर अनिल सिंह (सीधी), संतोष द्विवेदी (उमरिया), डॉक्टर प्रवेश तिवारी (रीवा), जगदीश मिश्रा तथा ऋषभ तिवारी (सीधी) सारगर्भित वक्तव्य देंगे। मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ के सचिव मंडल सदस्य शिव शंकर मिस्र "सरस" कार्यक्रम संपादित कराएंगे तथा सीधी इकाई के महासचिव अशोक तिवारी "अकेला" आभार प्रदर्शन करेंगे।
रात्रि कालीन अंतिम कार्यक्रम कवि गोष्ठी का होगा जिसमें रीवा संभाग के लोकप्रिय कविगण श्रीमती सुसंस्कृत सिंह परिहार (दमोह), सुदामा शरद (सतना), रामनरेश तिवारी निष्ठुर,जगदीश तिवारी "कक्का"(रीवा) संतोष द्विवेदी (उमरिया), डॉक्टर राज करण शुक्ला "राज" ,मैथिली शरण शुक्ला, अतुल पटवारी (सीधी), धीरेंद्र त्रिपाठी (तितिरा), श्रीमती वसुधा सिंह (भरतपुर) श्रीमती किरण सिंह (शहडोल) ,बृजेश सरल, जय सिंह, रामराज यादव "विकल"(सीधी), ललित श्रीवास्तव, पुरुषोत्तम गुप्ता, महेंद्र सिंह गौतम (मझौली) आदि हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में किसी जमाने में सीधी कलेक्टर रहे सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ अशोक बाजपेई तथा सेवानिवृत्त मुख्य सचिव शरद चंद्र वेहार जी को भी आमंत्रित किया गया है।

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