भोपाल(ईन्यूज एमपी)-नवंबर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हर वर्ग को साधने में जुटी है। सरकार में आने पर पार्टी किस वर्ग के लिए क्या करेगी, इसका उल्लेख वचन पत्र में किया जाएगा। अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अलग से वचन पत्र जारी होगा। इसमें स्वरोजगार, कौशल विकास और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया जाएगा। इसकी जानकारी आमजन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पार्टी के संबंधित विभागों की रहेगी। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति और 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सुरक्षित हैं। वचन पत्र तैयार करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में समिति बनाई है। इसने सभी वर्गों से संबंधित विषयों पर उप समितियों के माध्यम से जानकारी एकत्र करके राज्य स्तरीय वचन पत्र का प्रारूप तैयार किया है। पार्टी सरकार में आने पर अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्या करेगी, इसे अलग-अलग वचन पत्र जारी कर बताया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी पार्टी के संबंधित विभागों की रहेगी। प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 47 और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 35 सीटें सुरक्षित हैं। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही इन वर्गों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयासरत हैं। शिवराज सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए अलग-अलग स्वरोजगार योजनाएं प्रारंभ की हैं। पेसा के नियम लागू करके आदिवासी वर्ग को अधिकार संपन्न बनाने का काम किया है। वहीं, कांग्रेस कमल नाथ सरकार में इन वर्गों के लिए किए गए कामों को आधार बना रही है। उधर, वचन पत्र समिति के अध्यक्ष का कहना है कि आज प्रत्येक वर्ग यह जानना चाहता है कि पार्टी सरकार बनने पर उनके लिए क्या करेगी। इसे अच्छे तरीके से जनता के बीच रखने के लिए अलग-अलग वचन पत्र तैयार किए जा रहे हैं।सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के युवाओं को यह वचन देगी कि सरकार में आने पर उनके लिए स्वरोजगार योजनाएं लागू की जाएंगी। साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाकर प्रदेश में स्थापित उद्योगों में नियोजित करने के प्रयास भी किए जाएंगे।