भोपाल (ईन्यूज एमपी)-विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने युवाओं को साधने के लिए ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’ योजना को मंजूरी दे दी। इसमें मप्र के मूल निवासी 18-29 साल तक के युवाओं को अलग-अलग उद्योगों में ट्रेनिंग दी जाएगी। 5वीं से 12वीं पास तक के युवा को 8000, आईटीआई पास को 8500, डिप्लोमाधारी को 9000 और ग्रेजुएट व उच्च शिक्षा वाले युवा को 10 हजार रुपए स्टायपेंड दिया जाएगा। इस स्कीम को लागू करने के लिए शिवराज सरकार ने विशेष तौर पर बुधवार को यूथ कैबिनेट रखी थी, जिसमें याेजना का पूरा प्रेजेंटेशन देखा गया। इसमें तय हुआ कि स्कीम की शुरुआत 31 अगस्त से होगी और युवाओं को पहला स्टायपेंड 30 सितंबर को मिलेगा। अक्टूबर में चुनाव की आचार संहिता लगने की संभावना है। स्टायपेंड का 75% पैसा सरकार और बाकी संस्थान युवाओं को देंगे। संस्थान चाहें तो 25% से ज्यादा पैसा भी दे सकते हैं। ट्रेनिंग के बाद कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट भी जारी होगा। योजना के तहत एक साल में अधिकतम एक लाख युवाओं को ट्रेनिंग देने की लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए एक हजार करोड़ का बजट है। स्कीम में गड़बड़ी न हो, इसके लिए कैबिनेट ने तय किया है कि किसी भी संस्थान में कुल मैन पॉवर के मुकाबले 15% तक युवाओं की ही ट्रेनिंग हो पाएगी। सरकार ने यह व्यवस्था इसलिए की है ताकि बोगस मैनपॉवर बताकर कोई गड़बड़ी न कर सके। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- सिर्फ बेरोजगारी भत्ता देना ही समस्या का समाधान नहीं, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के लिए तैयार करना सरकार का मकसद है। कमलनाथ की सरकार ने पिछली बार बेरोजगारी भत्ते की बात कही थी, लेकिन नहीं दिया। रोजगार के नाम पर ढोर चराओ, ढोल बजाओ की ट्रेनिंग देने लगे। भाजपा युवाओं के प्रति गंभीर है। यह योजना स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक बनेगी। इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल, मैनेजमेंट एवं मार्केटिंग क्षेत्र, सेवा क्षेत्र होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म व ट्रैवल अस्पताल, रेलवे, आईटी, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्षेत्र और उद्योग। कैबिनेट ने तय किया है कि पूणे और बेंगलुरू में 22 मई से 6 जून 2023 तक इंडस्ट्री वर्कशॉप लगेगी। 7 जून से ट्रेनिंग देने वाले संस्थानों का और 15 जून से युवाओं का पंजीयन होगा।