नई दिल्ली(ईन्यूज एमपी)- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ मर्डर केस के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय बड़ा कदम उठा सकता है उनके द्वारा तमाम पोर्टल और यूट्यूब पर निगरानी रखी जाएगी इसके तहत फर्जी चैनलों की माइक आईडी लेकर घूमने वाले पत्रकारों पर शिकंजा कसेगा साथ ही वास्तविक पत्रकारों की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए जा रहे यह स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर सारे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के लिए होगा. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एसओपी तैयार करेगा.उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की घटना के बाद गृह मंत्रालय ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानि एसओपी बनाने का फैसला किया है. तमाम घटना के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत डिजिटल पोर्टल या यूट्यूब चैनल ही माइक आईडी जारी कर सकेंगे, सरकार के इस फैसले के बाद एक ओर जहां फर्जी चैनलों पर शिकंजा कसेगा तो वही फर्जी चैनलों की वजह से पत्रकारों की पहचान में आ रही दिक्कत भी दूर होगी अभी तक यूट्यूब पर चलने वाले अधिकांश न्यूज़ चैनल बिना पंजीकरण के चल रहे हैं कोई भी आदमी खुद को संपादक और पत्रकार बता कर खुद का यूट्यूब चैनल शुरू कर देता है लेकिन अब यह नहीं चलेगा हर छोटे-बड़े चैनल की कुंडली खगाली जाएगी और एक्शन लिया जाएगा साथ ही सूचना प्रसारण मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक बिना पंजीकरण वाले पोर्टल अवैध माने जाएंगे। दरअसल, अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले हमलावर पत्रकार बनकर मीडियाकर्मियों के बीच में घुस गए थे और मौका देखते ही वारदात को अंजाम दे दिया। जिसके बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा एक कदम उठाए जाने की बात की जा रही है वहीं गृह मंत्रालय द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी लागू किए जाने की बात सामने आ रही है।