जबलपुर (ईन्यूज एमपी)-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को जबलपुर पहुंचे, यहां उन्होंने हाईकोर्ट के नजदीक महाधिवक्ता भवन का भूमि पूजन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गांव का व्यक्ति अंग्रेजी में दिए कोर्ट के फैसले को नहीं पढ़ सकता। कार्यक्रम से पहले पुलिस ने सीएम को काले झंडे दिखाने के लिए सड़क पर खड़े 8 से 10 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। ये सभी कलेक्ट्रेट के पास काले झंडे लेकर जमा हुए थे। पुलिस उन्हें जीप में बैठाकर थाने ले गई। जबलपुर पहुंचे सीएम ने हाईकोर्ट के सामने अंबेडकर चौक के नजदीक मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता कार्यालय के लिए भूमि पूजन किया। 35 करोड़ की लागत से बनने वाला ये महाधिवक्ता कार्यालय 8 मंजिला और सर्व सुविधायुक्त होगा। भूमि पूजन के बाद सीएम शिवराज ने कहा- अंग्रेजों के जमाने के कई ऐसे कानून, जिनकी आज आवश्यकता नहीं है, उन्हें प्रधानमंत्री ने निरस्त किया। हमने भी मध्यप्रदेश में ऐसे कानूनों को समाप्त किया। एक बड़ी विसंगति है कि गांव का व्यक्ति कोर्ट के फैसले को नहीं पढ़ सकता, अगर फैसला अंग्रेजी में है तो...। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो अंग्रेजी नहीं जानते। मैं अंग्रेजी का विरोध नहीं कर रहा। अंग्रेजी का अपना महत्व है, लेकिन मैं मध्यप्रदेश के संदर्भ में बात कर रहा हूं। आगे सीएम ने कहा- हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे कानून जिनकी आज जरूरत ही नहीं है, ऐसे सैकड़ों कानून निरस्त किए हैं। मध्यप्रदेश में भी हमने इसका प्रयास किया। जो चीजें साल 1840-50 में प्रासंगिक थीं, वो आज नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने अमृतकाल में एक मंत्र दिया 'अमृतकाल में न्याय की व्यवस्था'। इसके 6 मुख्य स्तम्भ हैं। सभी के लिए न्याय, आसान न्याय, त्वरित न्याय, सस्ता न्याय, गुणवत्तापूर्ण न्याय और आम आदमी को समझ में आने वाली भाषा में न्याय। आगे शिवराज ने कहा- कोर्ट के ऊपर जो मुकदमों का वजन है, उसको हम कैसे कम करें। लोगों को जल्दी न्याय देने के लिए एक रास्ता लोक अदालत का खोजा। मप्र ने लोक अदालत के क्षेत्र में अच्छा काम किया। इसको हम और कैसे आगे बढ़ा सकते हैं, इस पर हमें विचार करना चाहिए। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि गांव में ही छोटे-मोटे विवादों का निपटारा किया जा रहा है। प्री-लिटिगेशन मध्यस्थता मॉडल हम बनाएं, तो यह गांव में न्याय के लिए क्रांतिकारी कदम हो सकता है। हमने पेसा एक्ट के अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्रों में शांति और विवाद निवारण समिति बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा- महाधिवक्ता कार्यालय न्यायपालिका और सरकार के बीच सेतु का काम करता है। आज की आवश्यकताओं के हिसाब से महाधिवक्ता कार्यालय का निर्माण होगा। मेरे मन में एक और विचार आया है कि एडवोकेट जनरल कार्यालय के बाद हाईकोर्ट की एनेक्सी बिल्डिंग का भी निर्माण होना चाहिए।