सीधी । निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद से ही निकायों में अध्यक्ष पद के लिए तरह तरह के दावेदार तैयार हो रहे थे और सीधी नगर पालिका में तो आरक्षण की स्थिति जब तक स्पष्ट नहीं हुई थी तब तक दावेदारों के लंबे और मजबूत नाम थे लेकिन आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद भी अभी तक अध्यक्ष पद के उम्मीदवार किसी दल ने घोषित नहीं किए हैं जबकि शासन द्वारा पार्षदों के प्रथम सम्मेलन और अध्यक्ष पद के चुनाव की तारीखें मुकर्रर कर दी गई हैं मझौली रामपुर नैकिन और चुरहट नगर परिषदों में भी हाल यही है। जी हां गौर करें यदि निकाय चुनावों के परिणामों तो नगरपालिका परिषद सीधी में कांग्रेस वहुमत में हैं सर्वाधिक पार्षद 14 कांग्रेस के हैं जबकि भाजपा को महज 6 पार्षदों से ही संतोष करना पड़ा है आम आदमी पार्टी ने एक पार्षद के साथ जिले में अपना खाता खोला है तो वहीं 3 निर्दलियों ने भी अपनी धाक बताते हुए उपस्थिति दर्ज की है । अब यंहा सामान्य तौर पर देखा जाए तो कांग्रेस का पलड़ा भारी है और कांग्रेश पार्टी से ही अध्यक्ष होगा ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है लेकिन स्थिति इतनी सरल है नहीं जितनी दिख रही है एक और कांग्रेस से पूर्व निर्धारित या अनुमानित नाम काजल वर्मा है तो दूसरी ओर एक और भी दावेदार लाइन में खड़ा हुआ है जबकि भाजपा से संघर्ष कर अपनी जीत हासिल करने वाली पूनम सोनी भी अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार हैं अब बात यह आती है कि बहुमत तो कांग्रेस के पास है लेकिन चारों ओर हो रहे घटनाक्रमों पर गौर करें तो भाजपा की सियासत और सत्ता का पावर कुछ और ही बयां करती है जिसके बारे में खुले तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है अध्यक्ष कौन होगा यह तो नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा लेकिन भाजपा आसानी से हार मानेगी यह लगता नहीं है। और अभी दोनों में से किसी दल ने अध्यक्ष पद के नामों की घोषणा भी नहीं की है। गौर करें जिले की तीन नगर पंचायतों कि ओर तो मझौली में भले ही भाजपा भारी बहुमत से आगे है लेकिन एक ही दल से दो दो उम्मीदवार मैदान में हैं और पूरा का पूरा दारोमदार पार्टी के निर्णय पर होगा हालांकि छुटपुट घटनाओं ने माहौल को बिगाड़ दिया है और जो अध्यक्ष पद की प्रत्याशा में हैं कुर्सी हांसिल करने सारी ताकंतें झोंक दी फिर भी राह आसान नही है यंहा पर ब्राम्हण और बनिया ताकतवर हैं काफी जद्दोजहद के वाद अध्यक्ष की कुर्सी में बनिया आसीन होगा । नगर परिषद रामपुर नैकिन में मामला करीब करीब बराबरी पर है महज एक मत के अंतर होने के कारण कुछ कहा नहीं जा सकता कि पलड़ा किस ओर जाएगा ..? बीजेपी यंहा पर वहुमत में है, लेकिन गांधी जी की कृपा से कांग्रेस का पलड़ा भारी है । चुरहट में देखा जाए तो कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत है और नवागंतुक चेहरे पर कांग्रेश दांव खेल सकती है ऐसी आशंका जताई जा रही है। कारण की सामने मिशन 23 खड़ा है और भैया को ब्राम्हण। बोट बैंक साधना होगा । फिलहाल तो दोनों दल आपसी मंत्रणा में लगे हुए हैं और जल्द ही अपने अपने अध्यक्ष के दावेदार घोषित करेंगे लेकिन देखना यह है कि मामला किस करवट बैठता है जहां बहुमत है वहां बहुमत का अध्यक्ष बनता है या फिर सियासत अपना असली रंग दिखाती है..? ऐनकेन प्रकारेण निकाय की चार अध्यक्षी सीटों में से दो पर कांग्रेस और दो सीटों पर भाजपा की वहुमत है लेकिन परिणाम इतर होंगें । सचीन्द्र मिश्र सीधी