भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से प्रारंभ होगा। चार दिवसीय इस सत्र में शिवराज सरकार मिलावटी (जहरीली) शराब के मामलों में सख्त सजा का प्रविधान करने के लिए आबकारी अधिनियम में संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेगी। इसमें बार-बार मिलावटी शराब का कारोबार करने वाले के लिए मृत्युदंड (फांसी) का प्रविधान किया जा रहा है। जुर्माने की राशि 25 लाख रुपये रखी जाएगी। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वित्त विभाग प्रथम अनुपूरक अनुमान (बजट) प्रस्तुत करेगा। विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि सत्र की शुरुआत में विधानसभा और संसद के दिवंगत सदस्यों, कोरोना महामारी की दूसरी लहर और विदिशा में कुआं धसकने से मृत व्यक्तियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश पटल पर रखेगा। सरकार ने अनाधिकृत कालोनियों और निर्माण को नियमित करने के लिए अधिनियम में प्रविधान किए हैं। इसके संबंध में अब संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। सदस्यों ने एक हजार 184 प्रश्न पूछे हैं। वहीं, 17 स्थगन सूचनाएं सचिवालय को प्राप्त हुई हैं। इसमें महंगाई, जहरीली शराब से मौत, बाढ़ की स्थिति सहित अन्य विषय शामिल हैं। ग्वालियर-चंबल सहित अन्य क्षेत्रों में आई बाढ़ की स्थिति पर विधानसभा में चर्चा कराई जाएगी। इस पर रविवार को सर्वदलीय बैठक में पक्ष-प्रतिपक्ष के बीच सहमति बन गई। चर्चा का स्वरूप क्या होगा, इस पर निर्णय सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले होने वाली विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति में निर्णय लिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में अध्यक्ष के सभाकक्ष में हुई बैठक में चार दिवसीय मानसून के संचालन को लेकर विचार-विमर्श किया गया। नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने कहा कि बाढ़ की स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर हम सदन में चर्चा कराना चाहते हैं। इसके लिए सूचना भी दी गई है। सत्ता पक्ष की ओर से भी इस पर सहमति जताई गई। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि बैठक में सदन की कार्यवाही के संचालन को लेकर विचार किया गया। बाढ़ के विषय पर चर्चा कराने की बात आई है। सोमवार को कार्यमंत्रणा समिति में विधेयक और बाढ़ के मुद्दे पर चर्चा कराने संबंधी विचार किया जाएगा। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ.गोविंद सिंह ने कहा कि सदन में सारगर्भित चर्चा हो पर इस पर बैठक में विचार किया गया। बाढ़ सहित अन्य मुद्दों को लेकर कार्यमंत्रणा समिति में निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, बसपा विधायक संजीव कुशवाह, विस के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। कोरोना संकट के कारण बंद रहेंगी दीर्घाएं : कोरोना संकट को देखते हुए विधानसभा के मानसून सत्र में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। बिना टीका लगवाए किसी को भी प्रवेश नहीं मिलेगा। जिन सदस्यों को टीका नहीं लगा होगा, उन्हें टीका लगवाने की व्यवस्था सचिवालय की ओर से की गई है। समस्त दीर्घाएं बंद रहेंगी। अधिकारी दीर्घा में मंत्री के स्टाफ को प्रवेश नहीं मिलेगा। यहां सिर्फ विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ही बैठ सकेंगे। अन्य स्टाफ मंत्री कक्ष में बैठेंगे।