जबलपुर। व्यापमं घोटाले के विरोध में कांग्रेस ने शुक्रवार को जबलपुर से आंदोलन की शुरुआत की। पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ की अगुवाई में हजारों नेता-कार्यकर्ता शहीद स्मारक सभास्थल पर जुटे। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा कि व्यापमं देश का सबसे बड़ा घोटाला है। पूरा घोटाला लोगों को समझ नहीं आता इसलिए इसे जनता तक पहुंचाना जरूरी है। कांग्रेस तब तक आंदोलन करती रहेगी जब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस्तीफे नहीं दे देते। इसकी शुरुआत संस्कारधानी से की गई है। लगभग सवा घंटे चली सभा में कमलनाथ ने अपने 14 मिनट 21 सेकेंड के भाषण में युवक कांग्रेसियों से जेल भरो आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा बरार, एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला और विधायक जीतू पटवारी ने भी व्यापमं घोटाले सहित अन्य मुद्दों पर प्रदेश और केंद्र सरकार को घेरा। आमसभा के बाद कमलनाथ समेत करीब 20 हजार कांग्रेसियों ने मंच से ही औपचारिक गिरफ्तारी दी। बाद में ओमती थाने से निजी मुचालके पर सभी को रिहा कर दिया गया। व्यापमं समेत अन्य मुद्दे छेड़े युकां के जेलभरो आन्दोलन में कमलनाथ ने व्यापमं घोटाले के अलावा प्रदेश की आर्थिक स्थिति को किसानों की दयनीय हालत से जोड़ा। उन्होंने कहा कि व्यापमं फर्जीवाड़े में भ्रष्टाचार की सीमा को लांघा है। इस घोटाले में ऊपर से नीचे भ्रष्टाचार की व्यवस्था बनाई जिसमें 'पैसा दो और काम लो' की व्यवस्था थी। 'मोदी-शिवराज दोनों कलाकारी करते हैं' कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरते हुए कहा कि वे कलाकारी करते हैं, इसी तरह मोदी भी कलाकारी करते हैं। दोनों मिलकर गुमराह की राजनीति कर रहे हैं। इन्वेस्टर्स मीट होती है लेकिन इन्वेस्टर कहां हैं: कमलनाथ ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि देश और प्रदेश में उद्योगपतियों की सरकार चल रही है। मुख्यमंत्री केवल इन्वेस्टर्स मीट करते हैं, लेकिन उद्योग कहां हैं? युवाओं को रोजगार कहां मिला? जबलपुर से शुरु हुआ आंदोलन पूरे देश में चलेगा युकां के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा बरार ने कहा कि व्यापमं घोटाला आजादी के बाद सबसे बड़ा घोटाला है। इसे प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री ने किया है। जबलपुर से शुरू हुआ जेलभरो आन्दोलन पूरे देश मे किया जाएगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने व्यापमं घोटाले में 70 लाख 70 हजार 470 नौकरियां और 168 परीक्षाओं का आंकड़ा देते हुए इसे बड़ा घोटाला बताया। उनहोंने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को इसके लिए जिम्मेवार माना।