लखनऊ (ईन्यूज एमपी) उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में हुए पंचायत चुनाव के लिए भी वोटों की गिनती हो रही है। ये वही चुनाव हैं, जिन्हें कोरोना के गांव-गांव तक फैलने की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है। इन चुनावों में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, प्रधान और ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य पदों के 12 लाख 89 हजार 930 कैंडिडेट्स उतरे हैं।नतीजों की तस्वीर तो 3 मई यानी सोमवार तक साफ हो जाएगी, लेकिन अभी जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वो परेशान करने वाली हैं। वोटिंग के दौरान काउंटिंग हॉल्स के सामने जुट रही हजारों की भीड़ में न कोई मास्क पहने है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग दिख रही है। चुनावी उत्साह में नियमों को तोड़ रही ये भीड़ निश्चित तौर पर कोरोना का सुपर स्प्रेडर साबित होगी। देखिए वो तस्वीरें, जो उत्तर प्रदेश के कोरोना से हारने की कहानी बता रही हैं... फिरोजाबाद में जसरना उप-मंडी पर काउंटिंग के दौरान भारी भीड़ जुट गई। पुलिस ने लोगों को समझाया तो वे नहीं माने। इसके बाद लाठीचार्ज कर उन्हें तितर-बितर करना पड़ा। यही स्थिति बागपत और जौनपुर में भी दिखी। यहां पर भी पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। जौनपुर के सरकोनी ब्लॉक पर तो जब पुलिस ने बल प्रयोग किया तो काउंटिंग हॉल के गेट पर लगा मेटल डिटेक्टर भी टूट गया। कई लोग घायल भी हुए हैं। नियम पता हैं, पर चुनाव ज्यादा जरूरी हैं। रामपुर में काउंटिंग हॉल में जाली के बाहर खड़ी भीड़ में ज्यादातर लोगों के चेहरे पर मास्क नहीं है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग दिख रही है। नियम पता हैं, पर चुनाव ज्यादा जरूरी हैं। रामपुर में काउंटिंग हॉल में जाली के बाहर खड़ी भीड़ में ज्यादातर लोगों के चेहरे पर मास्क नहीं है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग दिख रही है। रामपुर: सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कदम उठाए, पर भीड़ के आगे सब फेल रामपुर में कई काउंटिंग हॉल पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए बैरिकेडिंग और जाली लगाने जैसे कदम उठाए गए। लेकिन, एजेंट्स और कैंडिडेट्स समर्थकों के आगे कुछ काम करता नहीं दिखा। इसी तरह के हालात शामली में दिखे, जहां काउंटिंग हॉल में घुसने के लिए होड़ मची रही। काउंटिंग के दौरान कई जगहों पर एजेंट्स और चुनावी स्टाफ का टेस्ट भी किया गया है। इस दौरान मुरादाबाद में काउंटिंग के दौरान 14 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इटावा के बसरेहर ब्लॉक की नवीन मंडी में 2 एजेंट पॉजिटिव निकले। भीमराव अंबेडकर इंजीनियरिंग कॉलेज में एक मतगणनाकर्मी संक्रमित पाया गया। हाथरस के मुरसान स्थित मतगणना केंद्र पर 4 मतगणना कर्मी संक्रमित मिले। सादाबाद में भी काउंटिंग करने वालों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि पंचायत चुनाव की काउंटिंग के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। योगी सरकार ने कहा था कि मतगणना केंद्रों के पास जमावड़े पर रोक रहेगी। केंद्र के भीतर सिर्फ कैंडिडेट्स और उनके प्रतिनिधि जाएंगे। केंद्रों के भीतर जाने वालों को RT-PCR या एंटीजन टेस्ट दिखानी होगी। इसके अलावा वैक्सीनेशन की दोनों टीके लगवाने की रिपोर्ट दिखानी होगी। हर केंद्र पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन होगा। सरकार का दावा है कि सिर्फ निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी पास वालों को ही मतदान केंद्र पर प्रवेश की इजाजत है। काउंटिंग टेबल से दो मीटर की दूरी पर जालीदार बैरीकेडिंग की गई है। कोरोना के लक्षण वाले पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से बाहर रखा गया है। मास्क, किट व सैनिटाइजर दिया गया है।लेकिन, काउंटिंग के दौरान जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो दावों की हकीकत बयां कर रही हैं। ये लापरवाही तब है, जब बीते 24 घंटे में 30 हजार 317 संक्रमित सामने आए हैं। मौत का ग्राफ हर दिन बढ़ रहा है। 24 घंटे में 304 लोगों की मौत हुई है। अभी राज्य में 3 लाख से ऊपर एक्टिव केस हैं।