इंदौर (ईन्यूज़ एमपी )मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग(एमपी पीएससी) की राज्य सेवा मुख्य परीक्षा स्थगित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कोर्ट ने आदेश दिया है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट इस मामले में शीघ्रता से सुनवाई करे। याचिका अभ्यर्थियों की ओर से दायर हुई है। इसमें कहा गया है कि प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों में आरक्षण लागू करने में गड़बड़ी हुई है। जब तक इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता तब तक मुख्य परीक्षा पर रोक लगाई जाए। गौरतलब है कि मुख्य परीक्षा 21 मार्च से होना है। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। प्रारंभिक परीक्षा में चुने गए अभ्यर्थी इसमें शामिल होंगे। आरक्षित वर्ग के कई अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग के परीक्षार्थियों से अधिक अंक मिलने के बावजूद उन्हें आरक्षित श्रेणी में ही रखा गया। जबकि कम अंक पाने वालों को भी अनारक्षित श्रेणी में मौका मिल गया। नतीजों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस बीच मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग ने मुख्य परीक्षा घोषित कर दी। । रविवार को लॉकडाउन से राज्यसेवा मुख्य परीक्षा अप्रभावित रहेगी। पीएससी के चेयरमैन डा.राजेश लाल मेहरा ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही 21 मार्च को मुख्य परीक्षा आयोजित होगी। परीक्षार्थी अपना प्रवेश पत्र दिखाकर जा सकेंगे। राज्य सेवा की मुख्य परीक्षा-2019 के लिए मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने पर्यवेक्षकों की तैनाती की हैं। परीक्षा से जुड़ी समस्या और गड़बड़ियों को लेकर उम्मीदवार सीधे पर्यवेक्षकों को शिकायत कर सकेंगे। आठ शहर जहां परीक्षा हो रही है, उनमें से हर शहर के लिए अलग-अलग पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।