ग्वालियर (ईन्यूज एमपी) देवास में माफिया द्वारा पुलिस और वन कर्मी पर हमले की घटना को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ओर दिग्विजय सिंह ने दोनों घटनाओं पर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अफसरों की बैठक बुलाई। दोनों घटनाओं पर उन्होंने अफसोस जताया और निर्देश दिए कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि माफिया के हमले में मरने वाले वन रक्षक मदनलाल वर्मा को शहीद के समकक्ष दर्जा दिया जाएगा तथा उसके परिवार को सरकार सुविधाएं भी देगी। बता दें कि ग्वालियर में शुक्रवार सुबह पुरानी छावनी थाना पुलिस ने चंबल से अवैध उत्खनन कर रेत का परिवहन करने वालों पर पुलिस ने कार्रवाई के लिए घेराबंदी की थी। इस दौरान रेत माफिया ने पुलिस पर पथराव व फायरिंग शुरू कर दी। टीआई पुरानी छावनी सुधीर सिंह को ट्रैक्टर से कुचलने का भी प्रयास किया। उन्होंने नाले में कूद कर अपनी जान बचाई। इसी तरह देवास जिले के पुंजापुरा रेंज के रतनपुर जंगल में बीट गार्ड की शिकारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। जब वह शाम तक रेंज ऑफिस नहीं लौटे तो उनकी तलाशी शुरू हुई। उनका शव मिला तब वारदात का खुलासा हुआ।दोनों घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अफसरों की बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि वन स्टाफ की आवश्यक सुरक्षा के प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। इसके लिए गृह, वन, राजस्व आदि विभाग मिलकर संयुक्त प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध उत्खनन करने वाले माफिया को किसी स्थिति में नहीं छोड़ा जाए। प्रदेश में सभी तरह के माफिया पर पूर्णत: अंकुश लगाया जाए।बैठक में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, एडीजी इन्टेलीजेंस आदर्श कटियार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल, मुख्यमंत्री के ओएसडी मकरंद देऊस्कर व सेलवेंद्रन उपस्थित थे। दिग्विजय का आरोप -रेत माफिया सीएम तक हिस्सा पहुंचाते हैं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया है कि अवैध रेत उत्खनन करने वाले लोग शासन, प्रशासन, विधायक, मंत्रियों व मुख्यमंत्री को हिस्सा देते हैं। क्योंकि यह उनका 'काम' है। पैसे भी लेते हो और कार्रवाई भी करते हो। ऐसे में हमला होना तो तय है। सब मिली भगत है।