भोपाल(ईन्यूज एमपी) शिक्षा विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति के नियमों को शिथिल कर दिया है। अब पात्रता परीक्षा उत्तीण होने की अवधि की वैधता को समाप्त कर दिया गया है।वर्ष 2014 से नौकरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं मृत कर्मचारियों के आश्रित शिक्षा विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर एक फैसला किया है। विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति के नियमों को शिथिल करते हुए पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने की वैधता अवधि के बिना ही प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि शिक्षा विभाग के दिवंगत शिक्षकों और कर्मचारियों के आश्रितों ने यदि केंद्र सरकार की सीटीईटी परीक्षा या मध्य प्रदेश सरकार की शिक्षक पात्रता परीक्षा (2011-12) या अन्य राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की हो। उस पात्रता परीक्षा की वैधता अवधि को संज्ञान में लिए बगैर, प्राथमिक शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। उन्होंने ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए नियमों में शिथिलीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से संभागों और जिलों में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जा सकेगा।इसी तरह एक अन्य निर्णय में निर्धारित योग्यता रखने वाले दिवंगत अध्यापक संवर्ग एवं नियमित शासकीय शिक्षक और कर्मचारियों के आश्रितों को, प्रयोगशाला शिक्षक के रिक्त पदों पर भी नियमों के अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि प्रयोगशाला शिक्षक का वेतनमान तथा प्राथमिक शिक्षक का वेतनमान (5200-20200+2400 ग्रेड पे) समान है। प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर शिक्षक पात्रता परीक्षा का बंधन नहीं है। 62 मामले लंबित विभाग में वर्ष 2014 से अनुकंपा नियुक्ति के 62 मामले अटके हैं। इसमें से 20 सामान्य, 31 अन्य पिछड़ा वर्ग और 10 मामले अनुसूचित जाति वर्ग के हैं। वर्तमान में जिला स्तरीय कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 के पद खाली नहीं है। ऐसे में दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को 3 विकल्प दिए जा रहे हैं। इसमें से एक को चुनना होगा। वे भृत्य के पद पर अनुकंपा नियुक्ति चाहते हैं तो उन्हें सहमति पत्र देना होगा और यदि वे सहायक ग्रेड-3 के पद पर ही नियुक्ति चाहते हैं तो 7 साल तक प्रतिक्षा करने की सहमति देना होगी। जबकि तीसरा विकल्प नौकरी के स्थान पर 5 साल तक का वेतन देने का है। यदि दिवंगत कर्मचारी के आश्रित नौकरी नहीं चाहते हैं तो उन्हें सहमति देना होगी।ऐसे मामलों में आश्रितों को 5 साल तक का वह वेतन दिया जाएगा, जो कर्मचारी को मृत्यु के ठीक पहले दिया जा रहा था। जिलों में अनुकंपा नियुक्ति के मामले निपटाने में देरी पर लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत ने नाराजगी जताई है।