भोपाल (ईन्यूज एमपी)उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। पिछले चार दिनों से मध्यप्रदेश में हवा का रुख उत्तरी और उत्तर-पूर्वी बना हुआ है। जिसके चलते बर्फीली हवाओं से राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में क ड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी दो दिन तक ठंड के तेवर इसी तरह तीखे बने रहेंगे। इसके बाद एक फरवरी को एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में दाखिल होने न्यूनतम और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है।वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि हाल ही मराठवाड़ा पर एक चक्रवात बन गया था। उसके प्रभाव से पूर्वी मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज कुछ बिगड़ गया था। हवा का रुख दक्षिणी होने से वातावरण में नमी बढ़ गई थी। जिसके चलते जबलपुर और शहडोल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बरसात भी हुई। शुक्रवार को मराठवाड़ा पर बना सिस्टम भी समाप्त हो गया है। वर्तमान में लगभग 15 किलोमीटर की रफ्तार से उत्तरी और उत्तरी-पूर्वी हवाएं चल रही हैं। इससे राजधानी सहित पूरे प्रदेश में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक आसमान एकदम साफ है। साथ ही वर्तमान में अभी कोई वेदर सिस्टम भी सक्रिय नहीं है। इस वजह से अभी 31 जनवरी तक ठंड के तेवर इसी तरह तीखे बने रहेंगे। इसके बाद एक फरवरी को एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना है। इस सिस्टम के असर से राजस्थान के आसपास प्रति चक्रवात बनने के आसार हैं। उसके प्रभाव से एक बार फिर हवाओं का रुख बदलेगा। वातावरण में नमी बढ़ने के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी।