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Home मध्य प्रदेश अर्थव्यवस्था से मंदी का असर खत्म, लेकिन जनता पर बोझ बरकरार राज्य बजट की तैयारी ....

अर्थव्यवस्था से मंदी का असर खत्म, लेकिन जनता पर बोझ बरकरार राज्य बजट की तैयारी ....

भोपाल (ईन्यूज एमपी)प्रदेश की अर्थव्यवस्था से लॉकडाउन का असर लगभग खत्म हो गया है। दिसंबर 2019 की तुलना में दिसंबर 2020 में पेट्रोल-डीजल से सरकार की कमाई करीब एक हजार करोड़ रु. ज्यादा हुई है। मार्च तक यह दो हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगी। आबकारी में भी यूटी भी पिछले साल के आंकड़ों को पीछे छोड़ चुकी है। फिर भी जनता टैक्स कटौती का इंतजार कर रही है। हालांकि वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक फरवरी के आखिरी में होने जा रहे विधानसभा के बजट सत्र में सरकार टैक्स में कुछ कमी की घोषणा कर सकती है। दरअसल, बजट तैयारियों को लेकर हुई बैठक में यह विचार सामने आया है कि टैक्स में कुछ राहत दी जा सकती है। सभी विभागों से राजस्व कलेक्शन के नए लक्ष्य मांगे गए हैं। टैक्स कटौती को लेकर एक राय बन रही है।

बता दे जून से हो रही पेट्रोल से कमाई : पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट, अतिरिक्त कर और एक प्रतिशत उपकर से राज्य सरकार की कमाई पिछले साल की तुलना में दिसंबर 2020 में 995.74 करोड़ रुपए अधिक हुई है। जून से लगातार कमाई बढ़ रही है। पेट्रोल-डीजल के दाम इसी तरह बढ़ते रहे तो मार्च 2021 तक मप्र की कमाई दो हजार करोड़ पहुंच जाएगी।पंजीयन के लिए दिसंबर में हुई पैसे की बरसात : राज्य सरकार ने पंजीयन शुक्ल में दो प्रतिशत की छूट दी। इसका असर यह हुआ कि दो प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ दिसंबर में जमकर कलेक्शन हुआ। पिछले साल के दिसंबर में 490.69 करोड़ रुपए आए थे। इस बार दिसंबर में 943.80 करोड़ कलेक्शन हुआ। जून से ही पंजीयन की कमाई भी सकारात्मक रही। जून में 16 प्रतिशत ग्रोथ रही, जो सितंबर में 27.56 प्रतिशत, नवंबर में 25.82 और दिसंबर में ग्रोथ बढ़कर 92.34 प्रतिशत हो गई। इसी तरह पिछले साल दिसंबर तक 4223.97 करोड़ रुपए आ चुके थे, इस बार यह आंकड़ा 4480.47 करोड़ हो गया। नगरीय क्षेत्रों में तीन फीसदी रजिस्ट्री बढ़ गई है। सरकार यदि दो प्रतिशत की छूट मार्च तक बढ़ा देती है तो भी स्टॉम्प ड्यूटी बाकी राज्यों से ज्यादा होगी।

शराब से भी आय बढ़ी : 2019-20 में अप्रैल-दिसंबर में 7845.19 करोड़ रुपए आए थे। इस साल इसी दरमियान की कमाई 6593.48 करोड़ हो गई। विभाग के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मार्च तक पिछले साल के बराबर ही 9300 करोड़ रु. एक्साइज ड्यूटी आ जाएगी।

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