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Home मध्य प्रदेश बिजली दर बढ़ाकर जनता पर 2629 करोड़ रुपए का बोझ डालने की तैयारी....

बिजली दर बढ़ाकर जनता पर 2629 करोड़ रुपए का बोझ डालने की तैयारी....

भोपाल (ईन्यूज़ एमपी) बिजली आम उपभोक्ताओं को झटके पर झटका दे रही है। दो प्रतिशत महंगी हो चुकी बिजली की दरों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए छह प्रतिशत बढ़ोतरी की तैयारी है। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने राज्य विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर कर दी है। कंपनी ने कुल जरूरत 44 हजार 814 करोड़ रुपए बताई है। मौजूदा बिजली दर पर उसे 2629 करोड़ रुपए कम पड़ रहे हैं। इस कारण इसकी भरपाई के लिए पूरा भार उपभोक्ताओं पर डालने के लिए बिजली महंगी करने की अनुमति मांगी है।

जानकारी के अनुसार प्रदेश में पिछले दिसंबर में ही बिजली की दरों में 1.98 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। उपभोक्ताओं की जेब पर प्रति यूनिट आठ से 15 पैसे का भार डाला गया है। नई टैरिफ याचिका में 6 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव है। नियामक आयोग ने कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी तो आम बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर तीन गुना अधिक भार बढ़ जाएगा। हालांकि आम उपभोक्ताओं के पास कंपनी के इस प्रस्ताव का विरोध करने और अपनी बात रखने का मौका रहेगा। इसके लिए लाेगों को बड़ी संख्या में राज्य विद्युत नियामक आयाेग के समक्ष आपत्ति दर्ज करानी होगी।तीनों कंपनियों का अनुमानित खर्च पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी13,479 करोड़ रुपए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 14,162 करोड़ रुपए।

पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 17,173 करोड़ रुपए घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं की बिजली बढ़ाने की तैयारी सूत्रों की मानें तो टैरिफ याचिका में घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने की तैयारी है। औद्योगिक ईकाइयों को महंगी बिजली बेचकर कंपनियां पहले ही नुकसान उठा चुकी है। इसी तरह रेलवे को बेची जा रही बिजली की दर भी नहीं बढ़ेगा। ऐसे में कंपनियों के सामने घरेलू और कृषि उपभोक्ता ही है। प्रदेश में कुल बिजली उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 1.59 करोड़ के है। इसमें एक करोड़ उपभोक्ता घरेलू हैं जो गृह ज्योति योजना का लाभ पा रहे हैं। 28 लाख के लगभग कृषि पंप उपभोक्ता हैं, जो सरकार की सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं। गृह ज्योति योजना और कृषि पंप वाले उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा गया है।मार्च में हो सकती है आपत्तियों पर सुनवाई

राज्य विद्युत नियामक आयोग बिजली की दर बढ़ाने वाले इस याचिका पर प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों के स्तर पर आपत्तियों की सुनवाई करेगी। इसके लिए मार्च में कोई तारीख निश्चित हो सकता है। पावर मैनेजमेंट कंपनी के सीजीएम रेवन्यू फिरोज कुमार मेश्राम ने बताया कि तीनों विद्युत कंपनियों के आय-व्यय के अनुसार टैरिफ याचिका लगाई गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कुल जरूरत 44 हजार 814 करोड़ रुपए की अनुमानित है। मौजूदा बिजली दर पर कुल अनुमानित आय 42 हजार 185 करोड़ रुपए ही हो रही है। ऐसे में इस गैप को भरने के लिए छह प्रतिशत दर बढ़ाने की अनुमति मांगी गई है।

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