दिल्ली(ईन्यूज एमपी)- गुरुवार को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बैंक कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं। माना जा रहा है कि हड़ताल में शामिल बैंकों की 21000 से अधिक शाखाएं बंद रहेंगी। ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयी असोसिएशन (AIBEA) ने यह ऐलान किया है। बैंककर्मी हाल ही में लाए गए श्रम कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस तरह इस हफ्ते बैंक संबंधी काम निपटाना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि गुरुवार को बंद रहने के बाद शुक्रवार को बैंक खुलेंगे और फिर शनिवार तथा रविवार को फिर बंद हो जाएंगे। महीने के चौथे शनिवार को भी बैंक बंद रहते हैं। हड़ताल में बैंकों के अलावा 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन शामिल हो रही हैं। ये सभी लेबर लॉ का विरोध कर रहे हैं। हालांकि भारतीय मजदूर संघ इस हड़ताल का हिस्सा नहीं है। समझिए क्यों हो रही यह हड़ताल इन कर्मचारियों का कहना है कि लोकसभा ने हाल ही में 3 नए श्रम कानून पारित हुए हैं। नए कानून में कारोबार सुगमता के नाम पर 27 मौजूदा कानूनों को समाप्त कर दिया है। ये कानून शुद्ध रूप से कॉरपोरेट जगत के हित में हैं। वहीं कर्मचारियों को हितों के खिलाल हैं। नए कानूनों के तहत 75 प्रतिशत श्रमिकों को दायरे से बाहर कर दिया गया है। नए कानूनों में इन श्रमिकों को किसी तरह का संरक्षण नहीं मिलेगा। इसी बात का विरोध किया जा रहा है। हड़ताल का ऐलान भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने किया है। इसके अंतर्गत तमाम बैंक आते हैं। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल नहीं है। यह 4 लाख बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है। जानिए हड़ताल में कौन कौन ले रहा हिस्सा 26 नवंबर की हड़ताल में भाग लेने वाले यूनियनों में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUCUC), यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), हिंद मजदूर सभा (HMS), सेल्फ-एम्प्लॉयड वुमेन्स एसोसिएशन (SEWA), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC) शामिल हैं।