भोपाल(ईन्यूज एमपी)- वेतन मिलने में देरी और लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने व बढ़ाने को लेकर बैंक कर्मचारी दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। भोपाल समेत प्रदेश के सभी शहरों में बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया है। इससे सार्वजनिक और राष्ट्रीयकृत बैंकों में काम ठप रहा। प्रदेशभर में लगभग बैंकों की सात हजार शाखाओं में कामकाज बंद हैं, जिससे करोड़ों रुपए का लेन-देन प्रभावित हुआ है। गुरुवार को इंडियन बैंक एसोसिएशन और संगठनों के बीच हुई बैठक का बेनतीजा रही थी, इसे लेकर बैंककर्मियों और अधिकारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया था। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आव्हान पर 31 जनवरी और 1 फरवरी तक यह हड़ताल रखी गई है। इस दौरानबैंकों ने ग्राहकों को मैसेज भेजकर कहा कि हड़ताल के दौरानइंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग और एटीएम सर्विसेज चालू रहेंगी। बैंक यूनियनों ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल रहेगी। वहीं 2 फरवरी को रविवार होने के कारण बैंकों में अवकाश है। इस वजह से लगातार 3 दिन तक बैंक बंद रहेंगे। 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी हड़ताल के कारण प्रदेश के करीब 15 लाख अधिकारी, कर्मचारी और पेंशनरों को जनवरी का वेतन और पेंशन मिलने में देरी होगी। बैंककर्मी लंबित मांगों का निराकरण नहीं करने से नाराज हैं। अगर मांगें नहीं मानी गईं तो बैंक यूनियनों ने 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। इससे पहले देशव्यापी हड़ताल अक्टूबर 2019 में बुलाई गई थी। तब बैंकों के विलय के विरोध में हड़ताल हुई थी। ये हैं बैंक यूनियनों की मांगें वेतन में कम से कम 20 फीसदी की वृद्धि की जाए। बैंकों में हफ्ते में 5 दिन ही काम हो। बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय हो। एनपीएस को खत्म किया जाए। परिवार को मिलने वाली पेंशन में सुधार। स्टाफ वेलफेयर फंड का परिचालन लाभ के आधार पर बांटना। रिटायर होने पर मिलने वाले लाभ को आयकर से बाहर करना। कांट्रैक्ट और बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट के लिए समान वेतन।