जबलपुर(ईन्यूज एमपी)- माध्यमिक शिक्षा मंडल ने मार्च में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के पहले एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उन शिक्षक-प्राचार्यों को चेताया है जो गलतियां करने के आदी हो चुके हैं। प्रदेश के 78 शिक्षक-प्राचार्यों पर पारिश्रमिक कार्य पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसमें 47 ऐसे शिक्षक-प्राचार्य हैं जो कभी भी मंडल का मूल्यांकन और परीक्षाओं में सेवाएं नहीं दे पाएंगे। जबलपुर जिले के 5 शिक्षक-प्राचार्य पूरे 4 साल तक मंडल के पारिश्रमिक कार्य से वंचित रहेंगे। मंडल की इस कार्रवाई के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि मंडल अपनी परीक्षा और मूल्यांकन के लिए शिक्षक-प्राचार्याें का अच्छा खासा मानदेय देता है। माध्यमिक शिक्षा मंडल इस साल की बोर्ड परीक्षाओं के पूर्व की तैयारियां प्रारंभ कर चुका है। ऐसे में मूल्यांकन कार्य में पूरी गंभीरता बरतने को लेकर गत वर्ष के परीक्षा-मूल्यांकन की समीक्षा की गई। इसमें यह जानकारी मिली कि 78 मूल्यांकनकर्ता ऐसे थे जिनके गलत मूल्यांकन और परीक्षा कार्य में लापरवाही से न केवल विद्यार्थियों को गलत अंक मिले, बल्कि मंडल की छवि भी धूमिल हुई। मूल्यांकन जैसे कार्य में लापरवाही को देखते हुए माशिमं ने अब ऐसे मूल्यांकनकर्ताओं पर कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी है। इन सभी गलतियों के अनुसार मंडल ने संबंधितों को या तो सदैव के लिए मंडल के पारिश्रमिक कार्यों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है या तो कुछ को समय सीमा के लिए प्रतिबंधित किया है। जिले के 5 शिक्षकों को मिली सजा - जिले के 5 शिक्षक-प्राचार्य 4 साल तक कोई भी पारिश्रमिक कार्य नहीं कर पाएंगे - अन्य जिलों से 26 शिक्षक-प्राचार्य को दो से तीन साल तक मंडल के कार्यों से दूर रखा गया - इसी तरह 47 शिक्षक-प्राचार्यों को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। - इस तरह कुल 78 शिक्षक-प्राचार्यों पर हुई कार्रवाई है। - उन शिक्षक-प्राचार्य पर कार्रवाई जिन्होंने परीक्षा और मूल्यांकन में बड़ी गलतियां की थी। इन जिलों के शिक्षक-प्राचार्य पर प्रतिबंधित सतना, ग्वालियर, खरगोन, जबलपुर, भिण्ड, श्योपुर, भोपाल, कटनी, बालाघाट इंदौर, शाजापुर, रीवा, उज्जैन, बुरहानपुर, गुना, होशंगाबाद, झाबुआ, अनूपपुर, देवास, राजगढ़, अलीराजपुर, आगर, डिंडोरी और छतरपुर जिले के शिक्षक-प्राचार्याें पर प्रतिबंध लगाया गया है।