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Home मध्य प्रदेश मध्यस्था से होता है प्रकरणों का सुलह से निराकरण-न्यायाधीश श्री पाण्डेय

मध्यस्था से होता है प्रकरणों का सुलह से निराकरण-न्यायाधीश श्री पाण्डेय



पन्ना - जिला न्यायालय परिसर में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 तथा मध्यस्था से प्रकरणों के निराकरण की जानकारी दी गई। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री ए.के. पाण्डेय ने कहा कि पीडित प्रतिकर योजना का मुख्य उद्देश्य अपराध पीडित को प्रतिकर तथा पुर्नस्थापना का अवसर देना है। योजना के प्रावधानों का व्यापक प्रचार प्रसार करें। जिससे पात्र पीडित इसका लाभ उठा सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पीडित को तय समय सीमा में प्रतिकर राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने मीडिऐशन के संबंध में कहा कि आपसी सुलह से कई प्रकरणों का मध्यस्था से निराकरण हो जाता है। मध्यस्थ निष्पक्ष तथा निर्डर होकर जब प्रयास करते हैं तो दोनों पक्षकारों के अहंकार की गांठ खुल जाती है। जिले में इस वर्ष मध्यस्था से 200 से अधिक प्रकरण निराकृत किए गए हैं।
कार्यशाला में कलेक्टर शिवनारायण सिंह चौहान ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका का सर्वोच्च उद्देश्य लोक कल्याण है। समाज में विभिन्न कारणों से अपराध घटित होते हैं। अपराधी को दण्ड के साथ अपराध पीडित को प्रतिकर का प्रावधान इस नई योजना में किया गया है। योजना के प्रावधानों की जानकारी पम्पलेट तथा ब्रोसर के माध्यम से प्रत्येक ग्राम पंचायत, ग्राम सभा एवं आंगनवाडी केन्द्र में पहुंचाए। कार्यशाला में शामिल सभी व्यक्ति शासन की इस नई योजना के प्रचार प्रसार में योगदान दें। कार्यशाला में विशेष न्यायाधीश श्री आर.एन. चौधरी ने कहा कि मीडिएशन में निराकृत प्रकरणों में अपील का प्रावधान नही है। साथ ही मध्यस्था से निराकृत प्रकरणों में पक्षकारों को कोर्ट फीस की राशि भी वापस प्राप्त होती है।
कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश श्री दिनेश सिंह राणा ने मध्य प्रदेश अपराध पीडित प्रतिकर योजना के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वकील, सरपंच तथा आंगनवाडी कार्यकर्ता इस योजना का प्रचार प्रसार करें। योजना में अपराध पीडित की मृत्यु होने पर 5 लाख रूपये, तेजाब हमला होने पर न्यूनतम 3 लाख रूपये, स्थाई अपंगता होने पर 3 लाख रूपये तथा 40 प्रतिशत से अपंगता होने पर 2 लाख रूपये देने का प्रावधान है। यदि पीडित परिवार का कमाउ सदस्य है तो पूरी राशि दी जाएगी। यदि कमाउ सदस्य नही है तो आधी राशि दी जाएगी। किसी महिला के साथ अपराध घटित होने पर यदि भू्रण हानि होती है तो 50 हजार रूपये तथा उपचार की पूरी सहायता दी जाएगी। निजी अस्पतालों में उपचार कराने पर भी सहायता दी जाएगी। सामूहिक बलात्कार से पीडित को न्यूनतम 3 लाख रूपये की सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए पीडित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन करें।
कार्यशाला में विधिक सहायता अधिकारी अमित शर्मा ने पीडित प्रतिकर योजना के कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धारा 357 एक, 357 दो तथा 357 तीन के तहत पीडित को प्रतिकर देने का प्रावधान किया गया है। प्रतिकर का निर्धारण न्यायालय द्वारा किया जाएगा। न्यायालय के आदेश के अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दो माह में इसका निर्धारण करेगा। किन्तु वाहन दुर्घटना के दावे इस योजना के तहत शामिल नही किए जाएंगे। पीडित घटना दिनांक से अधिकतम 180 दिन की समय सीमा में प्रतिकर के लिए आवेदन कर सकता है।
कार्यशाला में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अशोक सक्सेना ने प्रतिकर योजना के प्रचार प्रसार कर बल दिया। कार्यशाला में अधिवक्ता श्रीमती आशा खरे तथा अधिवक्ता श्री अवधेश प्रताप सिंह ने प्रतिकर योजना के प्रावधानों तथा मीडिएशन प्रक्रिया की जानकारी दी। कार्यशाला में सीजेएम श्री पाण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर.डी. प्रजापति, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला, न्यायाधीश श्री कमलेश कोल, न्यायाधीश सुश्री सुषमा उपमन्यु, न्यायाधीश श्री रवि नायक, शासकीय अधिवक्ता किशोर श्रीवास्तव, अधिवक्तागण, अधिकारी, सरपंच, आंगनवाडी कार्यकर्ता तथा संबंधीजन उपस्थित रहे।

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