ग्वालियर - गौतम बुद्ध द्वारा दिया गया अंहिसा का संदेश आज के दौर में विश्व शांति के लिये प्रासंगिक है। उनके बताये मार्ग पर चलकर समता मूलक समाज की स्थापना कर विश्व शांति स्थापित की जा सकती है। यह बात प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने वार्ड 22 में पुष्प बिहार कालोनी में कबीर पार्क के समीप भगवान तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने की। कार्यक्रम में नगर निगम के सभापति श्री राकेश माहौर, सफाई कामगार संघ के प्रांतीय सदस्य श्री अशोक बाल्मीक, पार्षद श्रीमती मीना शिवराम जाटव व श्री दिनेश दीक्षित, अजाक्स के जिला अध्यक्ष श्री मुकेश मौर्य सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे। श्रीमती माया सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध ले राजपरिवार में जन्म लेने के बाद भी मनुष्य को जन्म मरण के बंधन से मुक्ति दिलाने के लिये राजसी वैभव छोड़कर सन्यासी का जीवन जिया। उन्होंने समाज में अंहिसा के साथ समानता, भाई चारे का संदेश पूरे देश में प्रसारित किया। भगवान बुद्ध के सिद्धांतों को मानने वाले देश में ही नही विदेशों में बड़ी संख्या में निवासरत हैं। उन्होंने पुष्प बिहार में गौतम बुद्ध की प्रतिमा लगाये जाने पर स्थानीय नागरिकों को बधाई दी और कहा कि महापुरूषों को मूर्तियां हमें उनके दिखाये मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती रहती हैं। उन्होंने स्थानीय पार्षद द्वारा पुष्प बिहार में सामुदायिक भवन बनाये जाने तथा प्राथमिक विद्यालय को अपग्रेउ करने की मांग को स्वीकार करते हुये दोनो कार्य शीघ्र कराये जाने पर सहमति व्यक्त की। महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि भगवान बुद्ध का दर्शन विश्व शांति का दर्शन है। उनके बताये मार्ग पर चलकर विश्व को एक परिवार मानते हुये शांति स्थापित की जा सकती है। श्री शेजवलकर ने कहा कि सभी धर्म हमें ईश्वर के समीप लेजाने का मार्ग बताते हैं। लेकिन सभी का अंतिम लक्ष्य एक ही है। उन्होंने कहा कि अगर हम सब भगवान बुद्ध के अपरिग्रह के सिद्धांत पर अमल करें तो विश्व सम्पदा का दोहन रोका जा सकता है, यह सिद्धांत यह बतलाता है कि हमें जितनी जरूरत है उतना ही संग्रह करें। उन्होंने बुद्ध प्रतिमा के अनावरण के लिये स्थानीय नागरिकों को बधाई दी। इस अवसर पर सभापति श्री राकेश माहौर और अशोक बाल्मीक ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व कब्रिस्तान में वृक्षारोपण कर पेड़ों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले शाहरूख अली को अतिथिगण द्वारा माला पहनाकर सम्मानित किया।