भोपाल(ईन्यूज एमपी)- प्रदेश में पुलिस के आला अधिकारियों की पदोन्नति तथा लंबे समय से पदस्थ अफसरों को हटाए जाने के प्रस्ताव से पुलिस मुख्यालय और मैदानी पदस्थापना में जल्द ही बड़ा परिवर्तन दिखाई देगा। एसपी, डीआईजी और आईजी स्तर पर तीन बैच के अधिकारियों के पदोन्नति के प्रस्ताव हैं, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा डीपीसी के प्रयास किए जा रहे हैं। करीब आधा दर्जन जिलों के पुलिस कप्तान सहित इतने ही मैदानी डीआईजी व आईजी भी इस परिवर्तन से प्रभावित हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने आईजी, डीआईजी और एसपी की पदोन्नति के लिए डीपीसी की तैयारी कर राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा है। इसमें 1995 बैच के अधिकारियों को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बनाने के लिए रीवा जोन के आईजी चंचल शेखर, बालाघाट जोन के आईजी केपी वेकंटेश्वर राव, 2002 बैच से आईजी बनाने के लिए उज्जैन रेंज के अनिल शर्मा, जबलपुर रेंज के बीएस चौहान व रीवा के अविनाश शर्मा के नाम शामिल हैं। इसके अलावा 2006 बैच से डीआईजी बनाने की तैयारी है, लेकिन इस बैच के सभी अधिकारियों को एक साथ पदोन्नति मिलने की संभावना कम है। बैच में 17 अधिकारी हैं, जिनमें से तीन अधिकारी अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसी बैच की इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा सहित देवास के एसपी चंद्रशेखर सोलंकी, शहडोल के अनिल सिंह कुशवाह और मंडला के आरआरएस परिहार को फिलहाल पदोन्नति मिलने की संभावना है। भारतीय पुलिस सेवा के उपरोक्त तीनों बैच की डीपीसी होने से मैदानी पदस्थापना में दो आईजी, तीन रेंज डीआईजी व तीन एसपी के पद प्रभावित होंगे, जिनके हटने से बड़ा फेरबदल होगा। वहीं, इसी तरह लंबे समय से एक ही पदस्थापना पर जमे सागर जोन आईजी सतीश सक्सेना व एसपी उज्जैन सचिन अतुलकर को बदले जाने के संकेत हैं। हालांकि इन अधिकारियों को दूसरी मैदानी पदस्थापना मिलने की अटकलें भी जताई जा रही हैं। इसी तरह भाजपा की शिवराज सरकार के समय से मैदानी पदस्थापना पर जमे अन्य अधिकारियों आईजी उज्जैन राकेश गुप्ता, डीआईजी शहडोल पीएस उइके व छतरपुर अनिल माहेश्वरी, एसपी रतलाम गौरव तिवारी, निवाड़ी मुकेश कुमार श्रीवास्तव, भिंड रुडोल्फ अल्वारेस आरजे व ग्वालियर नवनीत भसीन को बदलने के लिए भी सरकार विचार कर रही है। एसपी के प्रभार के लिए डायरेक्ट आईपीएस के 2015 व 2016 बैच के अधिकारियों को पहली बार जिले दिए जा सकते हैं तो 2013 व 2014 बैच के कुछ अधिकारियों को फिर से जिलों की कमान सौंपी जा सकती हैं। बताया जाता है कि पुलिस में फेरबदल के प्रस्ताव में पीएचक्यू में भी अधिकारियों के प्रभार में बदलाव की संभावना है। इसके मुताबिक गुप्तवार्ता, प्रशासन, चयन-भर्ती, सीआईडी, नक्सल ऑपरेशन, राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो जैसी शाखाओं में अधिकारियों के कामकाज में परिवर्तन होगा।