भोपाल(ईन्यूज एमपी)- शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-1 और वर्ग-2 का रिजल्ट घोषित होने के बाद प्रदेश के करीब 40 हजार पात्र अभ्यर्थी नियुक्ति के इंतजार में हैं। स्कूल शिक्षा विभाग को एक दिसंबर से काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू कर 15 जनवरी तक पूरी कर लेनी थी। लेकिन अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया की फाइल वित्त विभाग के पास अटकी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्ग-1 और वर्ग-2 के शिक्षकों की नियुक्ति होने से शासन पर 600 करोड़ का भार आएगा। यही कारण है कि अभी तक वित्त विभाग ने फाइल तैयार कर शासन को नहीं भेजी है, जिससे विभाग को भी निर्देश नहीं मिले हैं। विभाग का कहना है कि जनवरी से काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। हालांकि, लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया के लिए तैयारी पूरी कर ली है, बस शासन से अनुमति की देर है। वहीं, यह देरी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण के कारण भी हो रही है। इनमें से पात्र अभ्यर्थियों से आय संबंधी दस्तावेज मांगे जाएंगे। इसके बाद नए तरीके से मेरिट लिस्ट तैयार कर काउंसिलिंग के लिए बुलाया जाएगा। जब परीक्षा हुई थी, तब ईडब्ल्यूएस आरक्षण का कॉलम नहीं दिया गया था। वहीं, अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र न बनने के कारण भी काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हो रही है। अभी तक करीब 20 हजार अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र बन पाए हैं, जो 20 दिसंबर तक बनाए जाएंगे। ज्ञात हो कि फरवरी-मार्च में शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-1 व 2 की परीक्षा हुई थी। इसके पांच माह बाद 28 अगस्त को वर्ग-1 का और 26 अक्टूबर को वर्ग-2 का रिजल्ट घोषित हुआ था। मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा अभ्यर्थी संघ की ओर से गुरुवार को नीलम पार्क में स्थ्ाायी शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया। संघ ने स्कूल शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष से मिलकर ज्ञापन दिया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को धन्यवाद दिया कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार का विरोध किया एवं शीघ्र नियुक्ति की मांग की। संघ्ा इस संबंध में राज्यपाल को भी ज्ञापन दे चुका है।