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बांधवगढ़ में गिद्ध गणना का प्रशिक्षण सम्पन्न


उमरिया - जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अंतर्गत ताला इको सेन्टर एवं टाइगर रिजर्व में प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना का प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण में श्री के रमन क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ , श्री सुनील अग्रवाल मुख्य वन संरक्षक शहडोल वृत्त की उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में अधिकारियो कर्मचारियों को गिद्धो की प्रजातियों की पहचान उनके घोसलें, रहवास, गिद्ध पक्षियों के बच्चों की पहचान, गिद्धों के स्वाभाव के संबंध में पठन सामग्री के साथ उनको बुकलेट के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्बेट फाउन्डेशन के डां. शरद कुमार, भारतीय वन्यजीव संस्थान से डां. बी. नवनीथन एवं मि. राघवेन्द्र द्वारा दिया गया।
टाइगर रिजर्व मे स्थाई गिद्धों के रहवास आरएफ-316, बीट गोहणी (बधैनी पहाड़ी), आरएफ-317 बीट शेषशैया (बांधवगढ़ किला) एवं बठान पैच में जाकर अध्ययन किया गया। शहडोल संभाग में सामान्यतः गिद्धों की पांच प्रजातियां पाई जाती है जिनमें राज गिद्ध (लाल चोच वाले) एवं चमर गिद्ध (सफेद चोच वाले) अपने घोसले उंचे पेड़ो पर बनाते हैं, जबकि सफेद गिद्ध (पीली चोच), देशी गिद्ध (चोच का अग्रभाग पीला) एवं यूरेशियन गिद्ध अपने घोसले खतरनाक उंची पहाड़ियों के क्लिफ एवं दरारों में बनाते हैं। इनमें से सफेद गिद्ध, यूरेशियन गिद्ध के घोसलों मे बच्चे मार्च, अप्रैल में देखे जाते है जबकि राज गिद्ध, चमर गिद्ध, एवं देशी गिद्ध के बच्चे दिसम्बर, जनवरी में देखे जाते है।
प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना 23 जनवरी 2016 को पूरे प्रदेश में की जायेगी गिद्ध गणना की तैयारी के अंतर्गत अंतिमचरण का संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी मैदानी अधिकारी एवं कर्मचारियों को दिया गया। प्रशिक्षित कर्मचारी अपने क्षेत्रों में जाकर गिद्धों के रहवास एवं उनके संख्या के संबंध में गणना कार्य की तैयारी करेंगे। प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना कार्यक्रम में स्थानीय एन.जी.ओ. एवं गिद्धों के संरक्षण में स्वेच्छिक सहयोग देने वाले नागरिकों का भी पंजीयन किया जा रहा है ताकि गिद्ध प्रजाति के पक्षियों के संरक्षण में सहयोग प्राप्त हो सके।

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