नीमच(ईन्यूज एमपी)- नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के आरोप में सौतेले पिता को न्यायालय ने दोषी ठहराते हुए तिहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर जुर्माना भी लगाया गया है। जिला लोक अभियोजन अधिकारी जगदीश चौहान ने बताया कि यह फै सला अपर सत्र न्यायाधीश जावद नीतिराज सिंह सिसौदिया ने सुनाया है। डीपीओ चौहान के अनुसार यह घटना करीब 3 साल पूर्व 23 नवंबर 2016 को जिले के रतनगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम डीके न में हुई। पीड़िता 16 वर्षीय युवती है। उसके साथ करीब तीन साल तक सौतेले पिता ने बलपूर्वक व इच्छा के विरुद्ध दुष्कर्म कि या। इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर राजस्थान की झालावाड़ पुलिस ने आरोपित सौतेले पिता के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में जीरो पर प्रकरण दर्ज कि या। बाद में इसे अनुसंधान के लिए रतनगढ़ थाना पुलिस को भेज दिया। इस पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर अनुसंधान के उपरांत न्यायालय के समक्ष चालान पेश कि या। अभियोजन पक्ष व गवाहों को सुनने और रिकॉर्ड देखने के बाद न्यायालय के समक्ष अपराध संदेह से परे प्रमाणित हुआ। दंड के प्रश्न पर जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने तर्क दिया कि आरोपित पीड़िता का सौतेला पिता हैं। उसने 3 साल तक दुष्कर्म कर पिता-पुत्री के रिश्ते को शर्मसार कि या है। इसलिए आरोपित को कठोर से कठोर दंड दिया जाए। इस पर अपर सत्र न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसौदिया ने आरोपित सौतेले पिता को दोषी ठहराते हुए तिहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर 15 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। न्यायालय में शासन की और से पैरवी डीपीओ चौहान ने की। न्यायालय ने फै सला देने के साथ पीड़िता को प्रतिकर दिलाने की अनुशंसा भी की। न्यायालय ने पीड़िता को मप्र अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से प्रतिकर दिलाने की अनुशंसा की है।