छतरपुर(ईन्यूज एमपी)-जिला दण्डाधिकारी मोहित बुंदस ने पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन पर छतरपुर जिले में आगामी 30 दिसम्बर तक धारा 144 प्रभावशील करने का आदेश जारी किया है। एसपी ने 4 नवम्बर 19 को प्रतिवेदित किया था कि आगामी समय में अयोध्या प्रकरण के संबंध में निर्णय होने की संभावना है। इसके अलावा 8 नवम्बर को देव उठनी ग्यारस, 10 नवम्बर को मिलाद-उन-नबी, 12 नवम्बर को गुरूनानक जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा, 6 दिसम्बर को अयोध्या विवादित ढांचा गिराए जाने की तिथि एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर का परिनिर्वाण दिवस, 17 दिसम्बर को डॉ. सैयदना साहब का जन्म दिवस और 25 दिसम्बर को क्रिसमस-डे का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द्र एवं कानून व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील सौहार्द्र को प्रभावित करने की कोशिश, शांति एवं कानून व्यवस्था बिगड़ने और मानव जीवन एवं लोक संपत्ति की क्षति के भय के दृष्टिगत जिला दण्डाधिकारी द्वारा 5 नवम्बर 19 को दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। यह तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है। यह गतिविधियां रहेंगी प्रतिबंधित धारा 144 प्रभावशील रहने के दरम्यान छतरपुर जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति आपत्तिजनक नारे नहीं लगा सकेगा और न ही धारदार अस्त्र-शस्त्र, गोला बारूद लेकर चल सकेगा। इनका प्रदर्शन भी प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा विस्फोटक पदार्थ, फटाका, बारूद, घातक शस्त्र, तलवार, लाठी, भाला, बरछा, चाकू इत्यादि का संग्रहण और परिवहन भी प्रतिबंधित रहेगा। सोशल मीडिया व्हाट्स एप, फेसबुक, ट्विटर, एसएमएस अथवा इंस्टाग्राम के जरिए धार्मिक, सामाजिक, जातिगत भावनाओं वाले मैसेज पोस्ट करने और आपत्तिजनक पोस्टर एवं द्वेष को भड़काने का प्रदर्शन करने पर भी रोक रहेगी। कोई भी व्यक्ति या समूह अफवाह एवं तथ्यों को तोड़-मरोड़कर भड़काने या उन्माद पैदा करने वाले संदेश जिससे लोगों अथवा समुदाय विशेष में हिंसा की भावना उत्पन्न हो, को प्रचारित-प्रसारित, लाइक, शेयर और फारवर्ड नहीं करेगा और न ही इसके लिए प्रेरित कर सकेगा। जिले की सीमा में किसी भी स्थान पर अवैध जमाव और भीड़ का एकत्रित होना भी इस अवधि में प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी संगठन, व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह द्वारा आम सभा, धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली और ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग संबंधित एसडीएम की अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा। संबंधित थाना में देना होगी ठहरने की सूचना आदेश में उल्लेखित है कि विवाह घरों, होटलों, अतिथि गृहों, सामुदायिक भवनों और लॉज में ठहरने की स्थिति में संबंधित थाने में पूर्व सूचना देना होगी। इसी तरह मकान अथवा दुकान मालिक किरायेदारों की सूचना थाने में देने के बाद ही मकान अथवा दुकान किराये पर दे सकेंगे। इसके लिए किरायेदार का आईडी प्रूफ प्राप्त करना जरूरी है। घरेलू नौकर रखने और व्यवसायिक नौकरी की सूचना संबंधित मालिक द्वारा आईडी प्रूफ प्राप्त करने के बाद निर्धारित प्रारूप में संबंधित थाना में दिया जाएगा। छात्रावास में रह रहे छात्र-छात्राओं की सूचना भी विहित प्रारूप में मय आईडी प्रूफ के थाने में देना होगी। सभी होटल, लॉज अथवा धर्मशाला के संचालकों को भी यहां रूकने वाले व्यक्तियों से पहचान पत्र प्राप्त कर ठहरने वाले व्यक्तियों की सूची थाने में जमा करानी होगी। इसके अलावा भवन निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्यों में लगे मजूदर अथवा कारीगर की सूचना ठेकेदार द्वारा, पेइंग गेस्ट और 15 दिवस से अधिक समय से निवास करने वाले व्यक्तियों की सूचना मालिक द्वारा संबंधित थाने में दी जाएगी। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अंतर्गत कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था में संलग्न कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, पुलिसकर्मी, अर्धसैनिक बल, विशेष पुलिस अधिकारी, सांसद-विधायक और न्यायाधीश के लिए यह आदेश प्रभावशील नहीं होगा।