इंदौर (ईन्यूज एमपी)-मैग्निफिसेंट एमपी का समापन भी आगाज की तरह धमाकेदार ढंग से हुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्थानीय स्तर पर उद्योगों में 70 फीसदी लोगों को रोजगार देने का कानून बनाने का एलान किया। इसके साथ ही किसी के पास जमीन है और वह उद्योग लगाना चाहता है तो मंजूरी की औपचारिकता के झंझट से मुक्ति दी जाएगी। स्व-घोषणा को मान्य करते हुए डीम्ड अनुमतियां मान ली जाएंगी। तीन साल बाद आकलन किया जाएगा कि जो स्व-घोषणा की थी, वह सही थी या नहीं। यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई होगी। इसके लिए तेलंगाना की तर्ज पर ग्रीन (कम प्रदूषण फैलाने वाले) उद्योगों को आगे आने का मौका मिलेगा। मैग्निफिसेंट एमपी के समापन मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ मीडिया से रूबरू हुए और बेबाकी से सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सामने सबसे बड़ी चुनौती नौजवानों की बेरोजगारी है। इसे दूर करने के लिए हमने स्थानीय स्तर पर उद्योगों में 70 फीसदी व्यक्तियों को रोजगार देने की शर्त रखी है, लेकिन इसे कानून का रूप दिया जाएगा। वहीं, सीमेंट प्लांट लगाने वाली कंपनी के लिए यह अनिवार्य कर दिया कि परिवहन में मध्यप्रदेश में पंजीयन वाले वाहन ही लगाए जाएंगे। इससे कई लोगों को काम मिलेगा। रोजगार नहीं होने से जो युवा बेंगलुरु या विदेश चले गए हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे। इसके लिए मौके यहीं पैदा किए जाएंगे। हमने यह भी तय किया है कि जिसके पास जमीन है और उद्योग लगाने के मापदंड पूरे करता है तो उसे अनुमति के लिए हमारे पास आने की जरूरत नहीं रोजगार के लिए बनेगा कानून 70% स्थानीय व्यक्तियों को देना होगा रोजगार होगी। दरअसल, जब निवेशक हम पर भरोसा करके मध्यप्रदेश आ रहा है तो हम भी उस पर विश्वास करेंगे। मैग्निफिसेंट एमपी का मकसद भी निवेशकों में भरोसा।