सिरमौर - मुख्य वन संरक्षक संभाग रीवा के मौजूदगी मे रीवा, सतना , सीधी जिले के वन मंडला अधिकारियों के साथ रीवा व सतना के विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की संयुक्त एक दिवसीय कार्यशाला वनपरिक्षेत्र सिरमौर के पूर्वा फाल मे आयोजित की गई ॥ वन परिक्षेत्र अधिकारी सिरमौर अशोक वाजपेयी ने जानकारी देते हुए वताया कि कार्यशाला मे वताया गया कि मध्य प्रदेश मे वर्ष 2000 मे 9 प्रकार की प्रजातियो के हजार गिद्धो की सख्या थी ॥ जो अव पशुओं मे लगाऐ जा रहे दर्द निवारक दवा डायकोफेनिक के वजह से गिद्धो के लीवर व किडनी खराब हो जाने से 96 % अकाल मौत मर गए व वर्तमान मे 4 % जीवित है ॥ मध्य प्रदेश मे 4 प्रजातियो के इजिटिशयन वल्चर , व्हाइट वैक वल्चर , रेडहेडिड बल्चर , लागविल्ड वल्चर गिद्ध पाए जा रहे है ॥ कार्यशाला सुबह 6 वजे से 9 वजे रही ॥ सिरमौर पूर्वा फाल के समीप ही व्हाइट वैक व रेडहेडिड वल्चर देखे जाने पर उनके संरक्षण के निर्देश सीसीएफ के द्वारा वन अमले को दिया गया ॥